अब कहां जाएंगे कुर्द, बेलगाम होगा तुर्की, नरम पड़े राष्ट्रपति ट्रंप, प्रतिबंध हटाया
ट्रंप ने बुधवार को तुर्की के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर अब कुर्दों का क्या होगा।
वाशिंगटन, एजेंसी । राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को तुर्की के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि तुर्की और सीरिया के बीच सीजफायर स्थायी करने पर पूरी तरह से सहमति बन गई है। ऐसे में तुर्की से सारे प्रतिबंध हटा लिया गया है। यह खबर ऐसे समय आई है जब दो दिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह ऐलान किया था कि तुर्की हमलों से कुर्दो की रक्षा के लिए 200 सैनिक उत्तर सीरिया में रहेंगे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कुर्दों की रक्षा कैसे होगी। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि वह तुर्की पर लगे प्रतिबंधों को हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में संघर्ष विराम कायम था। उन्होंने उन आरोपों का खारिज करते हुए कहा कि सीरियाई ने कुर्दों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा इस आरोप में दम नहीं है कि सीरिया ने आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का सहयोग किया है।
अपने ही वादे से मुकर गया तुर्की
उत्तर सीरिया में शांति के लिए अमेरिका ने अथक प्रयास किया। इस क्रम में एक सप्ताह पूर्व अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने घोषणा की थी कि उत्तर सीरिया में पांच दिनों तक कोई सैन्य ऑपरेशन नहीं करेगा। तुर्की के इस ऐलान के बाद अमेरिका ने बहुत राहत की सांस ली थी। इस घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा खिल गया था। माइक पेंस ने कहा था कि उत्तर सीरिया में युद्ध विराम के लिए तुर्की के राष्ट्रपति के साथ समझौता हुआ है। कुर्दिश लड़ाकों के वापस जाने तक तुर्की 120 घंटे तक उत्तर सीरिया में अपने सभी सैन्य अभियानों को रोक देगा।हांलांकि अमेरिकी मध्यस्थता के बाद 124 घंटे की शांति विराम पर तुर्की कायम नहीं रह सका। उसने अपने वादे को तोड़ते हुए कुर्द बलों पर हमला शुरू कर दिया था। इसके चलते उत्तर सीरिया एक बार फिर से अशांत हो गया। रास अल अयान में गोलीबारी की घटनाएं शुरू हो गईं थी।
जब राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा तुर्की के समकक्ष को पत्र
उत्तर सीरिया में शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने तुर्की के समकक्ष रेसेप तैयब एर्दोगन को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी। ट्रंप ने अपने पत्र में लिखा था कि 'मूर्ख मत बनो.. होश में आ जाओ.. वरना सजा भुगतने को तैयार रहो।' राष्ट्रपति ट्रंप ने यह पत्र उस वक्त खत लिखा है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन करके एर्दोगन को सीरिया संघर्ष सुलझाने की नसीहत दी थी। इस बाबत उन्होंने मॉस्को आने का न्योता भी दिया था। ट्रंप के इस कड़े पत्र के बाद तुर्की की यह पहल सामने आई कि वह 124 घंटे तक उत्तर सीरिया पर हमला नहीं करेगा।