संसद में बराक ओबामा की गवाही को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मांग खारिज
ट्रंप के करीबी सहयोगी ग्राहम ने कहा मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति को संसद में आने के लिए मजबूर करना एक अच्छी मिसाल नहीं होगी।
वाशिंगटन, आइएएनएस। रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने रूस द्वारा चुनाव में धांधली के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को संसद में गवाही देने के लिए बुलाने की मांग की थी। बता दें कि गुरुवार सुबह राष्ट्रपति ट्रंप ने ग्राहम को टैग करते हुए एक ट्वीट किया था। इसमें उनसे बराक ओबामा को संसद के समक्ष गवाही देने के लिए बुलाने का आग्रह किया गया था। दरअसल, कुछ दिनों पहले ओबामा ने रूस द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में किए गए हस्तक्षेप को अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक अपराध और घोटाला करार दिया था।
ग्राहम ने कहा- पूर्व राष्ट्रपति को संसद में बुलाना अच्छी मिसाल नहीं होगी
ट्रंप के करीबी सहयोगी ग्राहम ने कहा, 'मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति को संसद में आने के लिए मजबूर करना एक अच्छी मिसाल नहीं होगी। मुझे नहीं लगता है कि यह एक अच्छा विचार होगा।' हालांकि सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी के चेयरमैन ग्राहम ने गुरुवार को घोषणा की कि पैनल जून में कथित रूसी चुनाव हस्तक्षेप और ट्रंप के 2016 के राष्ट्रपति अभियान के संदर्भ में की जा रही एफबीआइ की जांच पर सुनवाई शुरू करेगा।
कोरोना ने टाली सुरक्षा परिषद में सुधार प्रक्रिया
कोरोना के कहर के चलते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की सुधार प्रक्रिया को भी झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र में बैठकों का सिलसिला थमने से भारत का इंतजार बढ़ गया है। बता दें कि यूएनएससी में शामिल होने का प्रबल दावेदार है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के अध्यक्ष तेजानी मोहम्मद बांदे को भेजे पत्र में इंटरगवर्मेंटल निगोसिएशंस (आइजीएन) के सह अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात की संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि राजदूत लाना नुसीबे और एक अन्य सह अध्यक्ष पोलैंड की संरा में राजदूत जोआना रोनेक्का ने कहा कि अगले नोटिस तक निर्धारित बैठकें स्थगित करने का फैसला किया है। पत्र में उन्होंने लिखा कि कोरोना के मौजूदा हालात को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने समूहों और सदस्य देशों से संपर्क में रहने और सतत काम के संभावित विकल्प तलाशते रहने के लिए भी कहा है। आइजीएन की ये बैठकें 26-27 मार्च और 27-28 अप्रैल को होनी थीं।