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US Election 2020 : पोम्पिओ की भारत यात्रा के चुनावी रंग, ट्रंप ने चीन के खिलाफ दिया संदेश

ट्रंप प्रशासन की ओर से यह कवायद ऐसे समय हो रही है जब डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्‍मीदवार जो बिडेन भारतीयों को रिझाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा अमेरिकी चुनाव के लिहाज से अहम मानी जा रही है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 02:06 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 02:06 PM (IST)
US Election 2020 : पोम्पिओ की भारत यात्रा के चुनावी रंग, ट्रंप ने चीन के खिलाफ दिया संदेश
डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्‍मीदवार जो बिडेन और राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की फाइल फोटो।

वाशिंगटन, एजेंसी। तीन नवंबर को होने वाले राष्‍ट्रपति चुनाव के ठीक पहले अमेरिका के विदेश सचिव माइक पोम्पिओ और रक्षा सचिव मार्क एस्‍पर मंगलवार को भारत की यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा को अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इस यात्रा का मकसद राष्‍ट्रपति चुनाव में ट्रंप के चीन विरोधी अभियान के संदेश को और मजबूत करना है। ट्रंप प्रशासन की ओर से यह कवायद ऐसे समय हो रही है, जब ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्‍मीदवार जो बिडेन भारतीयों को रिझाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा अमेरिकी चुनाव के लिहाज से अहम मानी जा रही है।

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इस वार्ता को भारत के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच चीन को काबू करने की रणनीति पर गंभीरता से विचार हो सकता है। चीन की नजरें भी इस बैठक पर टिकी हैं। वाशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के प्रमुख उप सहायक सचिव डीन थॉम्पसन ने कहा कि निश्चित रूप से एलएसी पर चर्चा होगी। उन्‍होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा पर तनाव को कम करने की इच्छा जाहिर की है। थॉम्पसन ने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंधों को देखें तो, उनके साथ हमारे सहयोग की गति और दायरा लगातार बढ़ रहा है।

उन्‍होंने कहा कि हमारे पास अमेरिका-भारत संबंध को मजबूत करने का एक अच्छा मौका है, जो इस क्षेत्र और दुनिया में सुरक्षा व स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। बता दें कि 26 और 27 अक्‍टूबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में  पोम्पियो और रक्षामंत्री मार्क एस्पर हिस्सा लेंगे। वहीं, भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भाग लेंगे। इस वार्ता को भारत के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच चीन को काबू करने की रणनीति पर गंभीरता से विचार हो सकता है।


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