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Corona Vaccine for Toddlers: फाइजर का दावा- वैक्सीन की तीन खुराकों से होगा पांच साल से कम उम्र के बच्चों का कोरोना संक्रमण से बचाव

कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन नन्हें बच्चों के लिए अधिक खतरनाक बताया हा रहा है। इस क्रम में फाइजर ने अमेरिका में दावा किया है कि पांच साल से कम उम्र वाले मासूमों को वैक्सीन की तीन खुराकें दी जाएं ताकि उन्हें मजबूत सुरक्षा कवच मिल सके।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 05:30 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 05:48 PM (IST)
Corona Vaccine for Toddlers: फाइजर का दावा- वैक्सीन की तीन खुराकों से होगा पांच साल से कम उम्र के बच्चों का कोरोना संक्रमण से बचाव
फाइजर की तीन खुराकों से हो सकेगा पांच साल से कम उम्र के बच्चों का कोरोना संक्रमण से बचाव

 वाशिंगटन, एपी। Corona Vaccine for Toddlers: पांच साल से कम उम्र के बच्चों का बचाव करने के लिए कोरोना वैक्सीन फाइजर (Corona Vaccine Pfizer) की तीन खुराक जरूरी है। फाइजर ने दावा किया है कि इसके वैक्सीन की तीन खुराकें बच्चों को मजबूत सुरक्षा प्रदान करेगी। कंपनी ने सोमवार को यह एलान किया। फाइजर ने इस सप्ताह के बाद अमेरिकी नियामकों को डेटा देने की योजना बनाई है।

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बता दें कि अमेरिका में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। ऐसे में पैरेंट्स अपने बच्चों को कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द दिलवाना चाहते हैं। पांच साल से कम उम्र के 18 मिलियन बच्चों का समूह कोरोना वैक्सीन लेने के योग्य है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने माडर्ना के आंकड़ों की जांच परख शुरू कर दी है। ऐसी उम्मीद है कि गर्मियों तक माडर्ना वैक्सीन की दो खुराक बच्चों को दी जाने की शुरुआत की जाएगी।

5 से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर की कोरोना वैक्सीन पिछले साल नवंबर में आई है लेकिन अब तक केवल 30 फीसद के करीब ही खुराकें लगाई जा सकीं हैं। पिछले सप्ताह अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सलाह दी थी कि घातक कोरोना महामारी से बचाव के लिए बच्चों को बूस्टर डोज मिलनी चाहिए।

फाइजर ने शुरू में कहा था कि व्यस्कों की तुलना में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को खुराक का दसवां हिस्सा दिया जाना चाहिए। लेकिन बाद में ट्रायल से पता चला कि बच्चों का कोरोना से बचाव करने में दो खुराक पर्याप्त नहीं है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि 6 माह से 4 साल के बच्चों को वैक्सीन की तीसरी खुराक दिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि शोधकर्ताओं ने 1,600 से अधिक युवाओं को कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक लगाई। इसमें आने वाले बच्चों की उम्र 6 माह से चार साल तक थी। एक प्रेस रिलीज में फाइजर और इसके पार्टनर बायोएनटेक ने बताया कि एक्स्ट्रा शाट ने कमाल कर दिया। इसके बाद इन बच्चों में वायरस से लड़ने के लिए एंटीबडीज आ गए।


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