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कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का दायरा बढ़ाएंगी फाइजर और बायोएनटेक, 44 हजार लोगों पर होगा तीसरे चरण का परीक्षण

अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मनी बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने तीसरे चरण के कोविड वैक्सीन परीक्षण का दायरा बढ़ाने का एलान किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 10:57 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 01:57 AM (IST)
कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का दायरा बढ़ाएंगी फाइजर और बायोएनटेक, 44 हजार लोगों पर होगा तीसरे चरण का परीक्षण
कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का दायरा बढ़ाएंगी फाइजर और बायोएनटेक, 44 हजार लोगों पर होगा तीसरे चरण का परीक्षण

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर और जर्मनी की बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने तीसरे चरण के कोविड वैक्सीन परीक्षण का दायरा बढ़ाने का एलान किया है। दोनों कंपनियों ने कहा है कि तीसरे चरण के अंतर्गत 44,000 प्रतिभागियों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा। पहले यह परीक्षण 30,000 लोगों पर किया जाना था। वैक्सीन के प्रभाव पर अंतिम परिणाम अक्टूबर के आखिर तक आने की उम्मीद है।

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कंपनियों ने कहा कि योजना के अनुसार परीक्षण के लिए लोगों का नामांकन जारी है और 30,000 प्रतिभागियों का शुरुआती लक्ष्य अगले सप्ताह तक हासिल कर लेने की उम्मीद है। परीक्षण का दायरा बढ़ने से विभिन्न प्रकार के लोगों मसलन 16 साल के किशोरों और पुरानी बीमारी से ग्रस्त लोगों पर वैक्सीन का प्रयोग करना संभव हो सकेगा। इसके अलावा एचआइवी, हेपेटाइटिस सी या हेपेटाइटिस बी से संक्रमित लोगों पर भी वैक्सीन का परीक्षण किया जा सकेगा।

इससे अतिरिक्त सुरक्षा और प्रभाव का आंकड़ा मिलने की उम्मीद है। हालांकि, वैक्सीन परीक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए कंपनियों को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से मंजूरी लेनी पड़ेगी। इस बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और औषधि कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बताया है कि कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए ब्रिटेन में परीक्षण को बहाल कर दिया गया है। पिछले दिनों परीक्षण के दौरान एक मरीज में टीके का दुष्प्रभाव सामने आने के बाद इसे रोक दिया गया था।

इस बीच भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि अगले साल की शुरुआत तक कोरोना का टीका उपलब्ध हो सकता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 180 टीकों पर काम चल रहा है। इनमें से 35 टीके मानव परीक्षणों के विभिन्‍न चरणों में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या विश्वनाथन का कहना है कि टीके का दुनियाभर में पारदर्शी तरीके से वितरण बड़ी चुनौती साबित होने वाला है।


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