'चीन-पाक आर्थिक गलियारे का विरोध करने पर बलूचिस्तान के लोगों को बनाया जा रहा निशाना'
मामा कादरी ने कहा कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के संसाधनों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही संसाधनों को चीन के साथ साझा कर रहा है, जो बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
जिनेवा, एएनआइ। जिनेवा में बलूच कार्यकर्ता मामा कदीर ने कहा कि सीपीइसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे) का विरोध करने पर बलूचिस्तान के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान से बलूचिस्तान को अलग करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान संसाधनों के लिए बलूचिस्तान पर निर्भर है।
यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर में लेक्चरर डॉ पॉल स्टॉट ने जिनेवा में कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी के लिए पनाहगाह रहा है। यहां आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने या कुछ हद तक समर्थन भी मिलता है। काफी लंबे समय से ऐसा ही देखने को मिल रहा है। मुझे लगता है कि इमरान खान के नए प्रशासन में भी किसी बदलाव के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
मामा कादरी ने कहा कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के संसाधनों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही संसाधनों को चीन के साथ साझा कर रहा है, जो बिल्कुल नहीं होना चाहिए। हमारी संयुक्त राष्ट्र से मांग है कि बलूचिस्तान के लोगों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया जाए। वहां लोग बड़ी मुश्किल में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
कुछ समय पहले भी बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान पर एक बलूच नेता ने गंभीर आरोप लगाए थे। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के सीनियर कमांडर असलम बलोच ने चीन और पाकिस्तान दोनों पर बलूचिस्तान पर अत्याचार करने व यहां के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने का आरोप लगाया था। एएनआई को भेजे गए एक एक्सक्लूसिव वीडियो इंटरव्यू में असलम ने बीजिंग व इस्लामाबाद पर बलूच की पहचान खत्म करने का आरोप लगाया था।