चीन से निपटने की तैयारी में पेंटागन, रक्षा मंत्री एस्पर चाहते हैं स्पेस वॉर का प्रशिक्षण लें अमेरिकी सैनिक
US Defense Secretary Mark Esper ने तालिबान के साथ समझौते का भी दूसरा पहलू रखते हुए कहा है कि इसका मकसद चीन से भविष्य में होने वाले संभावित युद्ध के लिए तैयारी करना है।
वाशिंगटन, एपी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते से अमेरिकी सेनाओं की अफगानिस्तान से वापसी का रास्ता खुल गया है। लेकिन अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर (Defense Secretary Mark Esper) ने इस फैसले का भी दूसरा पहलू सामने रखते हुए कहा कि इसका मकसद चीन से भविष्य में होने वाले संभावित युद्ध के लिए तैयारी करना है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री एस्पर की निगाहें 'महाशक्तियों की प्रतिस्पर्धा' पर है। इसका मतलब है कि चीन और रूस से भविष्य के युद्ध क्षेत्रों में वह अमेरिका को एक कदम आगे रखना चाहते हैं। इन भावी युद्ध क्षेत्रों में अंतरिक्ष और अगली पीढ़ी के रणनीतिक हथियार जैसे-हाइपरसोनिक मिसाइलें और एडवांस परमाणु हथियार शामिल हैं। वैश्विक मंच पर अमेरिकी आधिपत्य के लिए वह खासतौर पर चीन को बढ़ता हुआ खतरा मानते हैं।
चीनी चुनौती से निपटने की तैयारी में एस्पर चाहते हैं कि अफगानिस्तान, इराक और अन्य स्थानों पर ध्यान कम दिया जाए। उनका जोर इस बात पर नहीं कि एशिया से सीधे सेनाएं हटाकर उन्हें कहीं और भेज दिया जाए। बल्कि वह कम महत्व वाले क्षेत्रों में अमेरिकी सेनाओं की प्रतिबद्धताएं कम करना चाहते हैं। ताकि अमेरिकी सैन्य इकाइयों को वापस अमेरिका बुलाकर परंपरागत युद्ध के लिए और प्रशिक्षित किया जाए।
पेंटागन के अधिकारियों की भी यही उम्मीदें हैं कि पश्चिम एशिया में फिर से संकट न खड़ा हो। अमेरिका ने ईरान से बढ़ी चिंताओं को लेकर पश्चिम एशिया में बीस हजार सैन्य बलों की अतिरिक्त फौज भेजी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के अफगानिस्तान समेत कट्टरपंथियों और उग्रवादियों के खिलाफ युद्ध खत्म करने पर जोर देने के बाद एस्पर चाहते हैं। अधिकाधिक अमेरिकी सैन्य बलों की घरवापसी हो ताकि वह भीषण युद्ध के लिए तैयार हो सकें।