अमेरिका की प्रशांत क्षेत्र में नौसेना तैनाती की योजना, चीन को करारा जवाब देने की तैयारी
अमेरिका प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन को करारा जवाब देने की तैयारी कर रहा है। पेंटागन इस क्षेत्र में स्थाई रूप से नौसेना टास्क फोर्स की तैनाती पर विचार कर रहा है। इसमें उसके मित्र देश भी सहयोगी होंगे।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन को करारा जवाब देने की तैयारी कर रहा है। पेंटागन इस क्षेत्र में स्थाई रूप से नौसेना टास्क फोर्स की तैनाती पर विचार कर रहा है। इसमें उसके मित्र देश भी सहयोगी होंगे। पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना में युद्धाभ्यास किया जाना भी शामिल है। इसके लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री के द्वारा अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जा सकता है।
पोलिटिको में लारा सेलिगमेन ने लिखा है कि इन दो कदमों से चीन को प्रशांत महासागर क्षेत्र में कड़ी चुनौती मिलेगी। अमेरिका योजना को प्रभावी बनाने के लिए इसमें यूरोपीय मित्र देशों ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों को भी शामिल करेगा। इसमें जापान और आस्ट्रेलिया जैसे देशों की भी मौजूदगी हो सकती है। योजना के लागू होने के बाद इस क्षेत्र में उसकी व मित्र देशों की लगातार उपस्थिति रहेगी और चीनी नौसेना की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
इस योजना का मकसद क्षेत्र में स्वतंत्र माहौल के साथ ही पूरी सुरक्षा के साथ व्यापार को सुचारू बनाए रखना है। इस बीच समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को लेकर भारत की चिंताओं का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था पर जोर दिया है। उन्होंने अहम समुद्री मार्गों में चीन के आक्रामक व्यवहार का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर में गतिविधियों ने राष्ट्रों का ध्यान खींचा है।
आसियान डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग-प्लस में चीन का नाम लिए बगैर भारत के रक्षा मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं। इन चुनौतियों से पुरानी व्यवस्थाओं के साथ नहीं निपटा जा सकता है। राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों में नौवहन, समुद्री क्षेत्रों पर उड़ान भरने और बेरोकटोक व्यापार की आजादी का समर्थन करता है।