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चर्मरोग से परेशान हैं कोरोना से ठीक हुए मरीज, लंबे समय बाद दिखाई पड़ती हैं कुछ नई दिक्कतें

Coronavirus Updates त्वचा संबंधी दिक्कतों वाले मरीजों का विश्लेषण करने के लिए शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2020 में इंटरनेशनल लीग ऑफ डर्मेटोलॉजिकल सोसाइटीज और अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय विवरण तैयार किया है ।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 05:17 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 05:17 PM (IST)
कोरोना से ठीक होने के बाद चर्मरोग संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे थे मरीज

वाशिंगटन, एएनआइ। एक नए अध्ययन से पता चला है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में लंबे समय बाद चर्मरोग की दिक्कतें दिखाई देती हैं। मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (MGH) के शोधकर्ताओं द्वारा यूरोपियन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरोलॉजी के 29वें अधिवेशन में रखे गए निष्कर्ष में कहा गया है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में लंबे समय बाद कुछ नई दिक्कतें दिखाई पड़ती हैं।

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त्वचा संबंधी दिक्कतों वाले मरीजों का विश्लेषण करने के लिए शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2020 में इंटरनेशनल लीग ऑफ डर्मेटोलॉजिकल सोसाइटीज और अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय विवरण तैयार किया।

शोधकर्ताओं ने कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों और उनमें त्वचा संबंधी लक्षणों के दिखाई पड़ने वाली अवधि के दौरान डॉक्टरों से संपर्क किया। इससे यह पता चला कि कोरोना से ठीक हुए मरीज लंबे समय बाद चर्मरोग की दिक्कतों से जूझते हैं।

39 देशों के संदिग्ध मामलों पर किया गया शोध

शोधकर्ताओं ने ऐसे एक हजार मरीजों का विश्लेषण किया, जो कोरोना से ठीक होने के बाद चर्मरोग संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे थे। 39 देशों के 224 संदिग्ध मामलों और कोरोना के 90 पुष्ट मामलों में त्वचा संबंधी लक्षणों के दिखाई पड़ने की औसत अवधि 12 दिन थी। शोध के वरिष्ठ लेखक और एमजीएच से ताल्लुक रखने वाले एथर ई. फ्रीमैन ने कहा कि इससे कोरोना से विभिन्न मानव अंगों पर पड़ने वाले फर्क के बारे में पता चला है।

अमेरिका में हैं कोरोना के सबसे ज्यादा मामले

बता दें कि अमेरिका में ही कोरोना के मरीजों की संख्‍या सबसे अधिक है और बीते कुछ माह से ये नंबर एक पर बना हुआ है। इसके बाद भारत विश्‍व में दूसरे नंबर पर है। हालांकि भारत में यदि कुछ राज्‍यों को छोड़ दिया जाए तो कमोबेश इसके मामलों में जबरदस्‍त गिरावट का दौर देखा जा रहा है। भारत में इसके मरीजों का रिकवरी रेट भी लगभग 91 फीसद है जो कि अन्‍य देशों के मुकाबले कहीं बेहतर है। भारत में पहले भी प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना के कम मामले सामने आए थे। हालांकि देश की राजधानी दिल्‍ली में इसकी थर्ड वेव बताई जा रही है। 


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