डेनियल पर्ल मामले में पाकिस्तान के फैसले पर चौंकाने वाली रिपोर्ट, आतंकियों से न्याय प्रणाली का है लिंक
अल कायदा आतंकी अहमद उमर सईद शेख को कराची सेंट्रल जेल परिसर में बने रेस्ट हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया। वहां के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह आदेश दिया था कि डेनियल के हत्यारे को जेल से निकाल कर विश्राम गृह में रखा जाए।
वाशिंगटन, एएनआइ। पाकिस्तानी न्याय प्रणाली की पोल तब खुली जब आतंकवादियों को सबूतों के होते हुए भी रिहा करने के मामले में चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। हाल में ही पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उमर सईद शेख को रिहा कर दिया था जो अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था। अल कायदा आतंकी अहमद उमर सईद शेख को कराची सेंट्रल जेल परिसर में बने रेस्ट हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, पर्ल के अपहरण से लेकर हत्या तक में शामिल सभी अपराधी उन आतंकी गुट के थे जिसे पाकिस्तान की ओर से समर्थन प्राप्त है।
स्पाई टॉक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्ल हत्याकांड में जो आतंकी शामिल हैं, उनको पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का संरक्षण प्राप्त है। यह कृत्य अमेरिका के सामने इस्लामाबाद का दोहरा चरित्र सामने लाता है। पत्रकार और अमेरिका में पाक के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने स्पाई टॉक से कहा कि पर्ल हत्याकांड में दोषियों को सजा से मुक्त करने के मामले से पाकिस्तान की आंतकियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पूरी तरह दिखावटी साबित होती है।
शेख को रिहा करने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों में से दो ने बताया कि हत्या का आरोप गलत था और शेख ने पहले ही अपहरण मामले में अधिक समय की सजा भुगत ली थी। पर्ल मामले के रिपोर्टर असरा नोमानी ने स्पाइटॉक को यह जानकारी दी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने सरकार को यह आदेश दिया था कि डेनियल के हत्यारे शेख को सेल से निकाल कर विश्राम गृह में रखा जाए। सूत्रों के अनुसार इन जजों का लिंक ISI से था। उल्लेखनीय है कि वाल स्ट्रीट जनरल के पत्रकार पर्ल कराची में लापता हो गए जिसके एक माह बाद 23 जनवरी 2001 में हत्यारों ने उनका सिर कलम करने वाला एक खौफनाक वीडियो पोस्ट किया था। इससे अमेरिका के साथ पाकिस्तान का दोहरा रवैया सामने आ गया और यह भी पता चला कि दुनिया सबसे अधिक आतंकी गुट अलकायदा से अफगान तालिबान तक को भारत में खूनी हमलों को अंजाम देने वाली आतंकवादी इकाइयों के साथ मिलकर अपनी सुरक्षा एजेंसियों को कैसे इस्लामाबाद ने सशक्त किया।
वर्ष 2002 में कराची में पर्ल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे और तभी उनका अपहरण हो गया था। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने पाकिस्तान से दो टूक कहा था कि वह शेख की रिहाई रोके वरना अमेरिका खुद उसे सजा देगा। पर्ल के हत्यारे की रिहाई के आदेश की आलोचना करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि वाशिंगटन एक अमेरिकी नागरिक के खिलाफ खौफनाक गुनाहों के लिए उमर शेख के खिलाफ अपने यहां मुकदमा चलाने को तैयार है।