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पाकिस्तानी असंतुष्टों ने इमरान सरकार पर साधा निशाना, बताया सेना के हाथों की कठपुतली

पाकिस्तान के पूर्व सीनेट सदस्य और पश्तून नेता अफरासियाब खटक ने साउथ एशियन अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स के पांचवें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ लागू है। इमरान खान सेना के हाथों की कठपुतली बन गए हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 03:06 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 03:06 PM (IST)
पाकिस्तानी असंतुष्टों ने इमरान सरकार पर साधा निशाना, बताया सेना के हाथों की कठपुतली
सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। फाइल फोटो

वाशिंगटन, प्रेट्र। पूर्व और मौजूदा सांसदों सहित पाकिस्तानी असंतुष्टों ने इमरान सरकार को सेना के हाथों की कठपुतली बताया है। उन्होंने देश में स्थायित्व नहीं होने, असुरक्षा और पड़ोसियों के साथ चलने की अक्षमता के लिए सेना को जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व सीनेट सदस्य और पश्तून नेता अफरासियाब खटक ने साउथ एशियन अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स (एसएएटीएच) के पांचवें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ लागू है।

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एसएएटीएच लोकतंत्र समर्थक पाकिस्तानियों का एक समूह। इसकी स्थापना अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी और अमेरिका स्थित स्तंभकार डॉ. मोहम्मद तकी ने की थी। पूर्व में यह सम्मेलन लंदन और वाशिंगटन में आयोजित किया जा चुका है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सभी प्रतिभागी वर्चुअल तौर पर शामिल हुए। इस समूह में राजनीतिज्ञ, पत्रकार, ब्लॉगर्स, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और सिविल सोसाइटी के सदस्य शामिल हैं। इनमें से कई विभिन्न देशों में रहने को मजबूर हैं।

पाकिस्तान से सम्मेलन को संबोधित करते हुए अफरासियाब खटक ने कहा कि पाकिस्तान में सबसे खतरनाक मार्शल लॉ है क्योंकि इसने संवैधानिक संस्थानों को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सैन्य शासन राजनीतिक संस्थाओं को नियंत्रित करता है। सांसदों को सत्र में कब भाग लेना और कब उन्हें वोट देने आना है, इसका निर्देश भी सेना देती है।                                                                                                             

संस्थापक सदस्य हुसैन हक्कानी ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन पर और एसएएटीएच पर पाकिस्तान को कमजोर करने का आरोप लगाया है। शेराकी आंदोलन के शहजाद इरफान ने कहा कि राजनीति में सैन्य हस्तक्षेप ने पंजाब के प्रभुत्व को मजबूत किया। धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की सबसे बड़ी वजह यही है। व‌र्ल्ड सिंधी कांग्रेस की रूबिना ग्रीनवुड ने कहा कि सिंध का अपना इतिहास है और उसकी पहचान से इन्कार नहीं किया जा सकता है।


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