अफगानिस्तान में तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन
अफगानिस्तान में अमेरिका के भावी राजदूत जॉन बास ने आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। अफगानिस्तान में अमेरिका के भावी राजदूत जॉन बास ने आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया है। बास के अनुसार आतंकी संगठन तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन रहा है। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने अफगानिस्तान की मौजूदा चुनौतियों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। जॉन को राजदूत पद के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नामित किया है। संसदीय समिति की मुहर लगने के बाद वह आधिकारिक तौर पर अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत नियुक्त हो जाएंगे।
बास ने समिति को बताया कि अमेरिका अफगानिस्तान में पाकिस्तान के सहयोग के बिना सफल नहीं हो पाएगा क्योंकि इस्लामाबाद युद्ध की आग में झुलस रहे देश की मौजूदा महत्वपूर्ण चुनौतियों का जड़ है। उन्होंने समस्या का समाधान करने के लिए पाकिस्तान सरकार के रवैये में बदलाव लाने की कोशिश करने की बात कही। बास ने कहा, 'स्पष्ट तौर पर इस्लामाबाद को अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
जैसा हम जानते हैं पाकिस्तान तालिबान को छुपने, खुद को तैयार करने और पूरे समन्वय के साथ हमले की साजिश रचने में सक्षम बना रहा है। ऐसे में अमेरिका को बहुत काम करना होगा। अमेरिका पाकिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकता है। बस एक ही बात हमारे पक्ष में है कि हर कोई अफगानिस्तान में एक समान परिणाम देखना चाहता है।'
नवंबर में एशियाई देशों की यात्रा पर जाएंगे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नवंबर में एशियाई देशों की यात्रा करेंगे। 10 दिवसीय यात्रा के दौरान वह चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जाएंगे। चीन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'चीन और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। अमेरिका और चीन देश कई मुद्दों पर काम कर रहे हैं। मैं इसे जाहिर नहीं कर सकता हूं, लेकिन इससे अमेरिका बहुत सुरक्षित हो जाएगा।'
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