इमरान खान की उइगर मुस्लिमों पर चुप्पी हैरान करने वाली, अपने दोस्त चीन की खातिर जुबान पर लगे ताले
विदेश नीति पर लिखने वाले और विल्सन सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने अपने लेख में इमरान की चुप्पी का कारण बताया है। उन्होंने लिखा है कि इमरान खान की आर्थिक और राजनीतिक समर्थन के लिए पूरी तरह से चीन पर ही निर्भरता है।
वाशिंगटन, एजेंसी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मुस्लिमों का मसीहा बनने की कोशिश में रहते हैं, लेकिन उनकी उइगर मुस्लिमों के अत्याचार पर चुप्पी हैरानी करने वाली है। अपने दोस्त चीन की खातिर जुबान पर लगे ताले ने उनकी दोहरी मानसिकता को उजागर किया है।
उइगर मुस्लिमों के मामले में कुछ भी बोलकर चीन की नाराजगी नहीं लेना चाहते इमरान खान
विदेश नीति पर लिखने वाले और विल्सन सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने अपने लेख में इमरान की चुप्पी का कारण बताया है। उन्होंने लिखा है कि इमरान खान की आर्थिक और राजनीतिक समर्थन के लिए पूरी तरह से चीन पर ही निर्भरता है। उइगर मुस्लिमों के मामले में कुछ भी बोलकर वह चीन की नाराजगी नहीं लेना चाहते हैं। उनसे जब बात की जाती है तो वह इस मुद्दे पर अपनी जानकारी न होने की बात कहकर बचने का प्रयास करते हैं।
उइगर मामले को इमरान खान मानते हैं चीन का अंदरूनी मसला
इमरान के एक शीर्ष सलाहकार मुईद यूसुफ कहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह संतुष्ट है और यह कोई मुद्दा नहीं है। कुगेलमैन ने लिखा है कि उइगर मामले में इमरान के कुछ समर्थक तर्क देते हैं कि यह चीन का अंदरूनी मामला है। लेकिन इमरान खान की चुप्पी ने उनकी विश्व में मुस्लिमों का मसीहा बनने की कोशिशों पर पानी फेर दिया है।