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पाकिस्तान ने अवैध रूप से किया गुलाम कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान पर कब्जा: एक्टिविस्ट

गिलगित बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) में लोग कई मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना कर रहे हैं और पाकिस्तान के अत्याचार का शिकार बन रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 07:36 PM (IST)
पाकिस्तान ने अवैध रूप से किया गुलाम कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान पर कब्जा: एक्टिविस्ट

वॉशिंगटन, एएनआइ। गिलगित बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) के राजनीतिक कार्यकर्ता सेंज एच सेरिंग (Senge H Sering) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव (UN Security Council Resolution) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान उवैध रूप से गिलगित बाल्टिस्तान पर कब्जा कर रहा है।

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22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान सेना द्वारा समर्थित कबाइलियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया था। इस दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से (गुलाम कश्मीर) और गिलगित-बाल्टिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इस मामले को बाद में भारत संयुक्त राष्ट्र में ले जाया गया, जहां पाकिस्तान को कब्जे वाले क्षेत्रों से अपनी सेना वापस लेने के लिए कहा गया था।

गिलगित बाल्टिस्तान स्टडीज़ के निदेशक सेरिंग ने एएनआई को बताया, 'पाकिस्तान ने जबर्दस्ती कब्जा किया हुआ है। उसे जम्मू-कश्मीर में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। यह पूरी तरह से स्पष्ट है पाकिस्तान ने कभी भी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान नहीं किया है। पाकिस्तान ने कभी भी गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को उनका मौलिक अधिकार नहीं दिया, जो पिछले 70 वर्षों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को भारत ने दिया है।'

उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में रहने वाले लोग पाकिस्तान ने इतने लंबे समय से बंधक बनया हुआ है। गिलगित बाल्टिस्तान में लोग कई मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना कर रहे हैं और पाकिस्तान के अत्याचार का शिकार बन रहे हैं।

बता दें कि क्षेत्र पर अवैध कब्जे के बाद पाकिस्तान ने 1974 में राज्य के कानून को समाप्त कर इस्लामाबाद का शासन लागू कर दिया था। हालांकि पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को कोई संवैधानिक अधिकार नहीं दिया।

सेंज ने आगे कहा कि 1950 में पाकिस्तान ने राज्य के कानून का उल्लंघन करना शुरू कर दिया और 1970 में उन्होंने पाकिस्तानियों को गिलगित-बाल्टिस्तान में आने और जमीन खरीदने का आधिकार दे दिया। जो की पूरी तरह से अवैध था। इसलिए, मुझे लगता है कि भारत के पास जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन और उनकी आजीविका में सुधार करने का पूरा कानूनी अधिकार हैं। यह केवल संवैधानिक तरीके से ही किया जा सकता है और भारत ने ऐसा ही किया है।

राजनीतिक कार्यकर्ता सेंज सेरिंग जोर देकर कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि हम भारत का हिस्सा हैं, चाहे भारत हमें एक राज्य या एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में कर दे। हम भारतीय संविधान द्वारा दिए गए सभी प्रावधानों के हकदार हैं।


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