इमरान ने माना, हम कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में रहे नाकाम
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय कई मंचों पर पाकिस्तान की अनदेखी करता रहा है जबकि भारत को अधिकांश देशों का समर्थन मिला है।
न्यूयॉर्क, एजेंसियां। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वीकार किया है कि वह कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश में नाकाम रहे हैं। साथ ही उन्होंने इस मसले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रवैये पर नाखुशी भी व्यक्त की। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय कई मंचों पर पाकिस्तान की अनदेखी करता रहा है जबकि भारत को अधिकांश देशों का समर्थन मिला है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर एक प्रेस कांफ्रेंस में इमरान खान ने कहा, '(मैं) अंतरराष्ट्रीय समुदाय से नाखुश हूं। अगर 80 लाख यूरोपियों या यहूदियों या सिर्फ आठ अमेरिकियों को घेरेबंदी में रख दिया जाता, तो भी क्या ऐसी ही प्रतिक्रिया होती? घेरेबंदी हटाने के लिए मोदी पर अभी तक कोई दबाव नहीं है। हम दबाव बनाते रहेंगे.. नौ लाख जवान वहां क्या कर रहे हैं। जब वहां से कर्फ्यू हटेगा, अल्लाह जाने उसके बाद वहां क्या होने जा रहा है.. आप क्या समझते हैं कश्मीरी इस बात को स्वीकार कर लेंगे कि कश्मीर पर कब्जा कर लिया गया है?'
उन्होंने आगे कहा, 'इस बात की भी संभावना है कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देश किसी समय आमने-सामने आ जाएं।' प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी भी इमरान खान के साथ उपस्थित थीं।
जब इमरान से पूछा गया कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तानी रुख की अनदेखी क्यों की जा रही है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने भारत के आर्थिक कद और विश्व मंच पर उसकी हैसियत को भी स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा, 'इसका कारण भारत है, लोग भारत को 120 करोड़ लोगों के बाजार के रूप में देखते हैं.. कुछ लोग इससे चिंतित हैं, लेकिन आखिर में वे भी उसे बाजार के रूप में देखते हैं।'
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज अहमद ने भी स्वीकार किया था कि कश्मीर मसले पर उनका देश अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन जुटाने में नाकाम रहा है। उनका कहना था, 'लोग हम पर भरोसा नहीं करते, लेकिन उन (भारत) पर भरोसा करते हैं।'
प्रेस कांफ्रेंस में इमरान ने कश्मीर मसले पर कांग्रेस के रुख का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'शुरुआत के लिए उन्हें कर्फ्यू हटाना होगा, यह शुरुआत है। यहां तक कि भारत की कांग्रेस पार्टी ने भी टिप्पणी की है कि गरीब लोगों को 50 दिनों के लिए अंदर बंद कर दिया गया है। कोई नहीं जानता कि राजनीतिक कैदियों के साथ क्या हो रहा है.. मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने खुद को एक अंधी गली में बंद कर लिया है।' बता दें कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तान इससे पहले भी कांग्रेस के बयानों का हवाला देता रहा है।