Move to Jagran APP

सार्क बैठक में अपनी ही किरकिरी करा गये पाक विदेश मंत्री, आगामी बैठक पर किया झूठा वादा

सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाक पर निशाना साध कर कहा कि जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता है तब तक वार्ता का कोई मतलब नहीं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 08:32 PM (IST)
सार्क बैठक में अपनी ही किरकिरी करा गये पाक विदेश मंत्री, आगामी बैठक पर किया झूठा वादा
सार्क बैठक में अपनी ही किरकिरी करा गये पाक विदेश मंत्री, आगामी बैठक पर किया झूठा वादा

आशुतोष झा, न्यूयार्क। कश्मीर की अपने कूटनीति का धुरी बना चुके पाकिस्तान अपनी ही जगहंसाई कराने में जुटा है। गुरुवार को न्यूयार्क में सार्क देशो के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने शुरु से लेकर अंत तक जिस तरह की हरकतें की उससे उनकी खूब किरकिरी हुई। पहले तो कुरैशी विदेश मंत्रियों के लिए आयोजित दोपहर के भोज में समय पर नहीं आये।

loksabha election banner

भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के रवाना होने के बाद ही वह वहां पहुंचे। इसके बाद उन्होंने यह भी कर दिया कि सार्क देशों की पिछले चार वर्षो से स्थगित बैठक जल्द ही पाकिस्तान में होगी। उनका यह दावा आधारहीन निकला।

पाकिस्तान विदेश मंत्री ने यहां तक दावा किया आगामी सार्क देशों की बैठक के आयोजन को लेकर उनके प्रस्ताव का भारत ने भी विरोध नहीं किया है। हालांकि सार्क देशों का मौजूदा अध्यक्ष नेपाल के विदेश मंत्री पी के ग्यावाली ने वहां एकत्रित भारतीय संवाददाताओं से साफ कहा कि यह एक अनौपचारिक बैठक थी, इसका आयोजन आगामी बैठक की तिथि तय करने के लिए नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि सार्क बैठक के आयोजन को लेकर फैसला करने का दूसरा तरीका है।

नेपाल के इस दावे के बावजूद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया में यह खबरें भी दिखाई गई कि सार्क देशों की आगामी बैठक की सहमति बन गई है। इसे एक इमरान खान सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर भी पेश किया गया।

सनद रहे कि सार्क देशों के प्रमुखों की बैठक नवंबर, 2016 में इस्लामाबाद में तय हुई थी। लेकिन उसके पहले पठानकोट व उरी हमले बाद भारत समेत तमाम दूसरे सदस्य देशों ने उसमें हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। अभी तक इसकी बैठक नहीं हो सकी है। इस बीच भारत ने सार्क की बजाये क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक दूसरे संगठन बिम्सटेक को बढ़ावा देना शुरु कर दिया है।

इसके पहले सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर फिर निशाना लगाया। उन्होंने पाकिस्तान से बात की संभावना के बारे में कहा कि जब तक आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता है तब तक बातचीत का कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि सार्क जैसे संगठन की उपयोगिता तभी होगी जब इस क्षेत्र से आतंकवाद का खात्मा किया जाए। उन्होंने कहा कि सार्क की कहानी 'अवसरों को खोने जैसी कहानी नहीं है बल्कि यह बार बार जान बूझ कर रोड़े अटकाने की कहानी है। आतंक को नष्ट करना सिर्फ बातचीत शुरु करने की ही एक शर्त नहीं है बल्कि यह इस समूचे क्षेत्र को आगे बनाये रखने के लिए भी जरुरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.