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जैश, लश्कर के आतंकी करना चाहते हैं भारत पर हमला, PAK कर रहा मदद; US की रिपोर्ट में खुलासा

अमेरिकी रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान में बैठे जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठन अब भी भारत पर हमले की फिराक में हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 01:47 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 02:43 PM (IST)
जैश, लश्कर के आतंकी करना चाहते हैं भारत पर हमला, PAK कर रहा मदद; US की रिपोर्ट में खुलासा
जैश, लश्कर के आतंकी करना चाहते हैं भारत पर हमला, PAK कर रहा मदद; US की रिपोर्ट में खुलासा

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका ने आशंका जताई है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन जैश और लश्कर अब भी भारत पर हमला करने की मंशा पाले बैठे हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर और जैश जैसे आतंकवादी संगठनों ने भारत और अफगान ठिकानों पर हमला करने करने की फिराक में हैं।

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आतंकवाद पर अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि आमतौर पर आतंकवादी समूह 2018 में भी खतरा बने रहे। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा(LeT), जो 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार था और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) भारत पर हमले करने का इरादा बनाए रखे हैं।'

रिपोर्ट में पाकिस्तान पर लश्कर ए तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान इन आतंकियों के ऑपरेशन, उनकी ट्रेनिंग और पैसों से मदद करता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत हमेशा से पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठनों की ओर से हमलों को झेल रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से होने वाले हमलों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने (भारत) अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवादी संगठनों के अभियानों का पता लगाने, उनको खत्म और नीचा दिखाने के लिए दबाव डालना जारी रखा।

यूएस स्टेट्स डिपार्टमेंट के दस्तावेज़ ने इस्लामाबाद पर अफ़ग़ान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क (HQN) को पाकिस्तान स्थित सुरक्षित ठिकानों में संचालन से प्रतिबंधित नहीं करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान लश्कर ए-तैय्यबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को पाकिस्तान में पैसे जुटाने, आतंकी भर्ती करने और प्रशिक्षण देने में मदद करती है। पाकिस्तान में हुए चुनावों में कई उम्मीदवार मैदान थे, जिनका संबंध आतंकी संगठनों से है।'

धार्मिक अल्पसंख्यकों को आतंकवादी समूहों से महत्वपूर्ण खतरों का सामना करना पड़ा। निम्नलिखित उदाहरणों में कुछ अधिक विनाशकारी और हाई-प्रोफाइल हमले शामिल हैं और विभिन्न तरीकों, लक्ष्यों और अपराधियों को प्रदर्शित करते हैं।


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