न्यूयार्क में एक स्ट्रीट का नाम रखा गया 'पंजाब एवेन्यू', इलाके में इस समुदाय की है बड़ी संख्या में मौजूदगी
शुक्रवार 23 अक्टूबर को काउंसिल के सदस्य एड्रिएन एडम्स ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने ही न्यूयार्क सिटी काउंसिल में एवेन्यू का नाम बदले जाने का प्रस्ताव पेश किया था। इलाके में पंजाबी समुदाय की बड़ी संख्या में मौजूदगी को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
न्यूयार्क, एएनआइ। न्यूयार्क के पंजाबी समुदाय के इतिहास में 23 अक्टूबर का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। इसी दिन यहां के एक व्यस्त इलाके का नाम पंजाब एवेन्यू रखा गया। कारोबारी गतिविधियों से हमेशा गुलजार रहने वाले 111 स्ट्रीट से 123 स्ट्रीट जिसे 101 एवेन्यू के नाम से जाना जाता था, उसे अब पंजाब एवेन्यू कर दिया गया है।
शुक्रवार 23 अक्टूबर को काउंसिल के सदस्य एड्रिएन एडम्स ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने ही न्यूयार्क सिटी काउंसिल में एवेन्यू का नाम बदले जाने का प्रस्ताव पेश किया था। इलाके में पंजाबी समुदाय की बड़ी संख्या में मौजूदगी को देखते हुए यह कदम उठाया गया। उल्लेखनीय है कि दो बड़े सिख गुरुद्वारा लेफेर्ट्स बोउलेवार्ड और 113 स्ट्रीट के बीच स्थित हैं। इसके अलावा इस पूरी पट्टी में पंजाबी समुदाय के लोग कारोबार करते हैं।
उद्घाटन के मौके पर प्रांतीय असेंबली के सदस्य डेविड वेप्रिन, गुरुद्वारा सिख कल्चरल सोसायटी और बाबा माखन शाह लोबाना सिख सेंटर के सदस्य और पंजाबी समुदाय के गणमान्य लोग मौजूद थे। पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी भाषा के स्थानीय अखबारों ने इस कार्यक्रम को प्रमुखता से जगह दी।
भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक समर्थकों ने रिपब्लिकन की ओर किया रुख
वहीं, दूसरी ओर अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव का माहौल है। दोनों ही प्रमुख पार्टियां भारतीयों को रिझाने में लगी हुईं हैं। ट्रंप विक्ट्री इंडियन अमेरिकन फाइनेंस कमेटी के सह-अध्यक्ष अल मेसन ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय अमेरिकी एक शक्ति के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कहा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में पहली बार भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक समर्थकों ने रिपब्लिकन की ओर रुख किया है।
उन्होंने कहा कि भारतीयों में यह बदलाव ट्रंप की जीत का बड़ा कारक हो सकता है। भारतीय अमेरिकी इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मेसन ने कहा कि हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारतीय अमेरिकी बड़े पैमाने पर राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में पहली बार 50 फीसद से अधिक भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेट्स का साथ छोड़ चुके हैं। अब वह रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में हैं।