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दुनिया के लिए बड़ा खतरा बना ओमिक्रोन, डब्ल्यूएचओ ने कहा- वैक्सीन से मिली सुरक्षा से बच निकलने के सबूत मिले

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अब तक 60 से अधिक देशों तक फैल चुके कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को एक बार फिर विश्व के लिए बड़ा खतरा बताया है। यह वैरिएंट वैक्सीन से पैदा हुई प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 01:19 AM (IST)
दुनिया के लिए बड़ा खतरा बना ओमिक्रोन, डब्ल्यूएचओ ने कहा- वैक्सीन से मिली सुरक्षा से बच निकलने के सबूत मिले
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को एक बार फिर विश्व के लिए बड़ा खतरा बताया है।

जेनेवा, रायटर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पहचाने गए और अब तक 60 से अधिक देशों तक फैल चुके कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को एक बार फिर विश्व के लिए बड़ा खतरा बताया है। उसने यह भी कहा है कि कुछ ऐसे साक्ष्य भी मिले हैं जिससे पता चलता है कि यह वैरिएंट वैक्सीन से पैदा हुई प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है। हालांकि, इसके गंभीर होने के अभी संकेत नहीं मिले हैं।

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सामने आ सकते हैं ज्यादा मामले

डब्ल्यूएचओ ने रविवार को जारी एक बयान में कहा है कि ओमिक्रोन को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है। इसमें हुए बदलाव से संक्रमण तेजी से फैल सकता है और कोरोना के ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं। कई कारणों से यह वैरिएंट आफ कंसर्न विश्व के लिए बड़ा खतरा बन गया है। पिछले महीने की 29 तारीख को भी डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रोन को बड़ा खतरा बताते हुए विश्व भर के देशों से इससे निपटने के लिए तैयारी करने को कहा था।

एंटीबाडी ज्यादा कारगर नहीं

डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि इसके शुरुआती संकेत मिल रहे हैं कि वैक्सीन और पहले हुए संक्रमण से पैदा हुई एंटीबाडी भी इसके खिलाफ ज्यादा कारगर नहीं होगी। इसके परिणामस्वरूप संक्रमण की दर ज्यादा होगी और गंभीर नतीजे सामने आएंगे।

ओमिक्रोन के खिलाफ वैक्सीन की दो डोज काफी नहीं

डब्ल्यूएचओ के आकलन से सहमति जताते हुए आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने सोमवार को एक प्रयोगशाला विश्लेषण प्रकाशित किया, जिसमें कहा गया है कि कोरोना रोधी वैक्सीन की दो डोज से ओमिक्रोन के खिलाफ मजबूत एंटीबाडी नही बनती है। हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि प्रतिरक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा टी-सेल कम से कम बीमारी को गंभीर होने से रोकेंगे। इनका यह भी कहना है कि अभी ओमिक्रोन से गंभीर बीमारी होने का पता नहीं चला है।

फाइजर और बायोएनटेक का दावा

टी-सेल का काम संक्रमित कोशिकाओं को सीधे मारना, अन्य प्रतिरक्षा सेल्स को सक्रिय करना और छोटे-छोटे प्रोटीन का उत्पादन करना है। फाइजर और बायोएनटेक का कहना है कि उनकी दो डोज वाली वैक्सीन गंभीर बीमारी को रोकेगी, क्योंकि इसके म्युटेशन के टी-सेल से बच पाना कठिन है। 


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