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ट्रंप परिवार की याचिका खारिज, भतीजी के किताब के प्रकाशन पर रोक की थी मांग

मैरी ट्रंप की किताब के प्रकाशन पर रोक लगाने के ट्रंप परिवार के प्रयास व्यर्थ साबित हुए क्योंकि इसके लिए कोर्ट में दायर याचिका को जज ने खारिज कर दिया।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 08:39 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 08:39 AM (IST)
ट्रंप परिवार की याचिका खारिज, भतीजी के किताब के प्रकाशन पर रोक की थी मांग
ट्रंप परिवार की याचिका खारिज, भतीजी के किताब के प्रकाशन पर रोक की थी मांग

वाशिंगटन, एपी। न्यूयार्क सिटी जज (New York City judge) ने डोनाल्ड ट्रंप के भाई के दावे को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति की भतीजी मैरी ट्रंप द्वारा लिखे गए किताब के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की थी। यह याचिका इस हफ्ते की शुरुआत में दायर की गई। इसमें मैरी ट्रंप व किताब के प्रकाशक साइमन एंड सूश्टर ( Simon & Schuster) को प्रकाशन से रोकने की मांग की गई। यह किताब जुलाई में रिलीज होने वाली है। मैरी ट्रंप राष्ट्रपति के बड़े भाई फ्रेड ट्रंप जूनियर (Fred Trump Jr.) की बेटी हैं। फ्रेड ट्रंप का निधन वर्ष 1981 में हो गया था।

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डोनाल्ड ट्रंप की भतीजी मैरी ट्र्म्प एक किताब प्रकाशित कर रही हैं जिसका नाम है ‘टू मच नेवर एनफ: हाऊ माय फेमिली क्रिएटेड द वर्ल्ड्स मोस्ट डेनजरस मैन’। मैरी ट्रंप के वकील टेड बाउट्रस जूनियर (Ted Boutrous Jr.) ने कोर्ट में कहा कि यह सही निर्णय है। हम उम्मीद करते हैं कि इस फैसले से मामला खत्म हो जाएगा। लोकतंत्र में आइडिया साझा करने पर रोक नहीं। न कोई अदालत और न ही कोई अथॉरिटी संविधान के इस आदेश में बाधा उत्पन्न कर सकती है।' गुरुवार को इस मामले पर व्हाइट हाउस की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई। वहीं प्रकाशक कंपनी साइमन एंड शूस्टर ने कोर्ट के इस फैसले पर प्रसन्नता जाहिर की। इस किताब के बारे में अमेजन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि लेखिका ने परिवार में फ्रेड और उनके दोनों बेटों के बीच संबंध के साथ उनकी वसीयत में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए हेर-फेर संबंधित बातें लिखी गई है।' 

ट्रंप के भाई रॉबर्ट ट्रंप ने इस किताब के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग के साथ कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में रॉबर्ट ट्रंप (Robert Trump) के वकील ने तर्क दिया था कि मैरी ट्रंप ने 1990 के दशक के आखिर में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था जिसमें कहा गया था कि बगैर सदस्यों की सहमति के पारिवारिक बातों को प्रकाशित नहीं करेंगी।


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