अब एलियन की खोज का तरीका बदलेगी नासा, अन्य ग्रहों पर जीवन खोजने में मिलेगी मदद
नासा का कहना है कि एलियन की खोज के मौजूदा तरीके में बदलाव की जरूरत है। यह बदलाव ही जांच को नई दिशा देगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। एलियन यानी धरती से परे किसी ग्रह पर रहने वाले प्राणी। आम जनमानस में एलियन को लेकर कई तरह की धारणाएं हैं। एलियन की शक्ल और भाषा तक को लेकर लोगों ने धारणा बनाई हुई है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उड़नतश्तरी से लेकर एलियन के दिखने की कहानियां भी सामने आती रहती हैं।
दूसरी ओर विज्ञान भी लंबे अरसे से एलियन की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रहा है। धरती से परे ग्रहों पर जीवन (एलियन लाइफ) की तलाश अंतरिक्ष विज्ञान का अहम हिस्सा है। वैज्ञानिक मंगल ग्रह से लेकर सुदूर अंतरिक्षीय पिंडों तक जीवन के प्रमाण जुटाने के अथक प्रयास में लगे हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब इस दिशा में नई तैयारी की है। नासा का कहना है कि एलियन की खोज के मौजूदा तरीके में बदलाव की जरूरत है। यह बदलाव ही जांच को नई दिशा देगा। इसके लिए 70 लाख डॉलर (करीब 51 करोड़ रुपये) का बजट तय किया गया है।
क्या होगा नया तरीका?
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की सारा स्टीवर्ट जॉनसन ने कहा, 'अभी दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश करते समय हमारा आधार धरती पर मिले प्रमाण ही होते हैं। हम धरती पर जीवन के लिए जरूरी तत्वों और अवधारणाओं के अनुरूप संकेतों की तलाश ही अंतरिक्ष में भी करते हैं। अब इसमें बदलाव किया जाएगा।'
नासा की हीथर ग्राहम ने कहा कि अब केवल धरती को आधार मानकर खोज नहीं की जाएगी। नासा की टीम किसी ग्रह के हर उस बदलाव पर नजर रखेगी, जो उसके वातावरण में किसी असंतुलन को जन्म देता है। साथ ही किसी भी रासायनिक बदलाव या तत्व की अनदेखी नहीं की जाएगी।
ऊर्जा तरंगों पर भी निगाह
नए प्रोजेक्ट में ऊर्जा तरंगों पर भी निगाह रखी जाएगी। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि तरंगों में बदलाव से भी एलियन लाइफ के संकेत मिल सकते हैं। ग्राहम ने बताया, 'हमारा लक्ष्य है कि हम जीवन को लेकर अपनी वर्तमान अवधारणाओं से परे जाकर सोचें।
अन्य ग्रहों पर जीवन होने का प्रश्न केवल 'हां' या 'ना' में नहीं सुलझाया जा सकता है।' इस प्रोजेक्ट में प्राप्त जानकारियों के आधार पर कंप्यूटर एल्गोरिदम और मशीन लर्निग तकनीक भी विकसित की जाएगी, जिससे अध्ययन को और गति मिलेगी।
तारों के समूह में दिखा मुस्कुराता चेहरा
नासा के हबल टेलीस्कोप ने तारों के समूह में एक मुस्कुराते चेहरे की छवि देखी है। टेलीस्कोप के वाइड फील्ड कैमरा-3 (डब्ल्यूएफसी-3) ने यह तस्वीर ली है। तस्वीर में अलग-अलग रंग, आकार और आकृति के तारामंडल (गैलेक्सी) दिख रहे हैं। इस तस्वीर में कुछ तारामंडल इस तरह से स्थित हैं कि उनसे एक मुस्कुराते चेहरे (स्माइली) की छवि बन रही है।