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अब America ने भी Tik Tok पर कसा शिकंजा, बच्चों की निजता के उल्लंघन पर शुरू की जांच

भारत में टिकटॉक को बैन किए जाने के बाद अब अमेरिका ने भी बच्चों की निजता के कानून उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:17 PM (IST)
अब America ने भी Tik Tok पर कसा शिकंजा, बच्चों की निजता के उल्लंघन पर शुरू की जांच
अब America ने भी Tik Tok पर कसा शिकंजा, बच्चों की निजता के उल्लंघन पर शुरू की जांच

नई दिल्ली, (रायटर्स)। भारत के बाद अब अमेरिका भी चीनी एप्स के प्रति गंभीर हो गया है। भारत ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लागू कर दिया है, इसके बाद अब अमेरिकी एजेंसियां टिकटॉक के खिलाफ बच्चों की निजता को सुरक्षित रखने के साल 2019 के एक समझौते पर खरा नहीं उतरने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। 

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अमेरिकी सरकार के विधि मंत्रालय के साथ हुई चर्चा 

मैसाचुसेट्स के एक टेक पॉलिसी समूह में काम करने वाले एक ग्रुप ने अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमिशन (एफटीसी) और अमेरिकी सरकार के विधि मंत्रालय के साथ अलग अलग कॉन्फ्रेंस कॉल में इस विषय पर चर्चा की है। मई में सेंटर फॉर डिजिटल डेमॉक्रेसी, कैंपेन फॉर ए कमर्शियल-फ्री चाइल्डहुड और कुछ और समूहों ने एफटीसी से शिकायत की थी कि टिक टॉक ने फरवरी 2019 में एक समझौते के तहत उसके 13 साल और उससे कम उम्र के यूजर के वीडियो और उनकी व्यक्तिगत जानकारी को हटा देने का वादा किया था, लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने टिक टॉक पर समझौते के उल्लंघन के कुछ और भी आरोप लगाए थे। 

कंपनी ने दी सफाई, बोली निजता का रखते हैं ध्यान 

टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अपने सभी यूजर के लिए सुरक्षा को गंभीरता से लेती है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका में कंपनी 13 साल से कम के यूजर को सीमित रूप से ऐप से जोड़ती है जिसके तहत सुरक्षा और निजता के अतिरिक्त प्रावधान होते हैं जिन्हें विशेष रूप से छोटी उम्र के ऑडियंस के लिए ही बनाया गया है। 

 

एफटीसी और टिकटॉक के बीच हुए थे समझौते पर हस्ताक्षर 

समझौते पर हस्ताक्षर एफटीसी और टिकटॉक के बीच हुए थे और विधि मंत्रालय एफटीसी के लिए अक्सर अदालती दस्तावेज दायर करता है। कैंपेन फॉर ए कमर्शियल-फ्री चाइल्डहुड के एक कैंपेन मैनेजर डेविड मॉनाहन ने बताया कि एफटीसी और विधि मंत्रालय के अधिकारियों ने इन समूहों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉल पर बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि मुझे बातचीत से ऐसा लगा कि वो हमारी शिकायत में उठाई गई चिंताओं पर विचार कर रहे हैं।

एफटीसी ने इस पर कोई भी टिप्पणी देने से मना कर दिया। विधि मंत्रालय ने भी तुरंत कोई टिप्पणी नहीं दी थी। यह जांच किशोरों के बीच लोकप्रिय टिकटॉक के लिए एक नया झटका है। उसकी मूल कंपनी चीनी होने की वजह से उसके खिलाफ छानबीन बढ़ी है, विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा पर काम करने वाली अमेरिका में विदेशी निवेश पर समिति के द्वारा। 

अमेरिका टिकटॉक को बैन करने पर कर रहा विचार 

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा था कि अमेरिका टिकटॉक को बैन करने पर बिल्कुल विचार कर रहा है। उन्होंने कहा था कि संभव है कि कंपनी चीनी सरकार को जानकारी देती हो। कंपनी ने इस आरोप का खंडन किया है। टिकटॉक अमेरिकी किशोरों के बीच भी बहुत लोकप्रिय हो चुका है। कंपनी ने पिछले साल कहा था कि अमेरिका में हर महीने 2.65 करोड़ सक्रिय यूजर उसके ऐप का उपयोग करते हैं और इनमें से लगभग 60 प्रतिशत की उम्र 16 से 24 वर्ष के बीच है। 

अमेरिका के सांसदों ने जताई चिंता 

अमेरिका के सांसदों ने टिकटॉक द्वारा उसके यूजर के डाटा के प्रबंधन को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा है कि वे चीनी कानून के अनुसार चीनी कंपनियों द्वारा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन और सहयोग की अनिवार्यता को लेकर चिंतित हैं। टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस है और यह चीनी मूल की उन कई कंपनियों में से है जिन पर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, तकनीक और कोविड-19 महामारी को लेकर तनाव का प्रभाव पड़ा है।

उधर अमेरिका नियामकों द्वारा अत्यधिक परीक्षण के बीच कंपनी ने अमेरिकी कंपनी वॉल्ट डिज्नी के पूर्व चेयरमैन केविन मायेर को अपना मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया है और कैलिफोर्निया, सिंगापुर इत्यादि जैसी जगहों पर अपने दफ्तर खोल कर एक अंतरराष्ट्र्रीय छवि पेश करने की कोशिश कर रही है।  


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