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अफगानिस्तान में युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं, सिर्फ इंट्रा-अफगान वार्ता ही विकल्प- खलीलज़ाद

एक कॉन्फ्रेंस कॉल में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि खलीलज़ाद ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 08:05 AM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 08:39 AM (IST)
अफगानिस्तान में युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं, सिर्फ इंट्रा-अफगान वार्ता ही विकल्प- खलीलज़ाद
अफगानिस्तान में युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं, सिर्फ इंट्रा-अफगान वार्ता ही विकल्प- खलीलज़ाद

वाशिंगटन, प्रेट्र। अफगानिस्तान के सुलह के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ज़ल्माय खलीलज़ाद ने कहा है कि युद्धग्रस्त देश में शांति के लिए इंट्रा-अफगान(तालिबान-अफगानिस्तान) वार्ता का कोई विकल्प नहीं है, यहां तक ​​कि उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी भी सही दिशा में चल रही है। एक कॉन्फ्रेंस कॉल में खलीलज़ाद ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है।

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अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि अफगानिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों में आम सहमति है कि युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है। राजनैतिक समाधान, वर्तमान में अफगान के बीच शांति समझौता एकमात्र यथार्थवादी विकल्प है। यूएस-तालिबान समझौते के बाद, अफगान सरकार ने तालिबान के साथ शांति वार्ता करने के लिए एक 21 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसे इंट्रा-अफगान वार्ता माना जाता है।

उन्होंने कहा कि हम अमेरिका पर बोझ को कम करने के लिए एक राजनीतिक समझौता भी चाहते हैं और यह हो भी रहा है। यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि अफगानिस्तान कभी भी अमेरिका या हमारे सहयोगियों पर हमला करने का मंच नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि यह कहते हुए कि संयुक्त राज्य अमेरिका-तालिबान समझौता शांति पर आगे बढ़ने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर खोलता है।

खलीलजाद ने कहा कि जितनी जल्दी इंट्रा-अफगान वार्ता शुरू होगी, उतनी ही जल्दी शांति लौट आएगी। उन्होंने कहा कि यह सबसे अच्छा होगा अगर दक्षिण अफगानिस्तान में पर्याप्त सुरक्षाबल होने पर इंट्रा-अफगान वार्ता हो।

उन्होंने कहा कि तालिबान ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया।खलीलजाद ने कहा कि तालिबान और अफगानिस्तान सरकार अंतहीन युद्ध और सीरिया जैसा परिदृश्य नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वहां विशेष रूप से हिंसा और कैदी दोनों बाधाएं हैं। इस बिंदु पर दो बाधाएं हैं। वे हैं जो हम दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। बेशक, आईएसआईएस जैसी ताकतें हैं जो अफगानिस्तान में अपने हितों में शांति नहीं देखती हैं। और शांति की संभावना को कम करने के लिए, हिंसा को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।


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