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नाटो ने चीन को बताया स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती, कहा- हम अपनी जमीन बचाने को तैयार, किसी गलतफहमी में न रहे रूस

स्पेन की राजधानी मैड्रिड में नाटो सम्‍मेलन का आयोजन हुआ। इस (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) समिट में सदस्‍य देशों की ओर से रूस को जहां सबसे बड़ा खतरा बताया गया वहीं चीन को वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती कहा गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 03:02 AM (IST)
नाटो ने चीन को बताया स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती, कहा- हम अपनी जमीन बचाने को तैयार, किसी गलतफहमी में न रहे रूस
नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, हमने मास्को को स्पष्ट संदेश दे दिया है।

मैड्रिड, एपी। स्पेन की राजधानी मैड्रिड में हो रही नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) समिट में रूस को जहां सबसे बड़ा खतरा बताया गया, वहीं चीन को वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती कहा गया है। कहा गया कि बड़ी शक्ति बनने के मुकाबले में विश्व गंभीर खतरों का सामना कर रहा है। ये खतरे साइबर अटैक से लेकर पर्यावरण में बदलाव तक हैं।

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  • रूस और चीन से दुनिया को बड़े खतरे
  • नाटो प्रमुख ने कहा, हम अपनी जमीन बचाने को तैयार
  • किसी भी गलतफहमी में न रहे रूस

रूस को सीधी चेतावनी 

गुरुवार को समिट के अंतिम दौर में नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, हमने मास्को को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अगर वह हमारी सीमा में घुसने की कोशिश करेगा तो उसे कड़ा प्रहार झेलना होगा। ऐसा हम अपने मतभेदों को भूलकर प्रतिकार करेंगे। इस समय हम ज्यादा खतरनाक विश्व में रह रहे हैं, जिसमें कभी भी-कुछ भी हो सकता है।

रूस और नाटो के बीच युद्ध होगा विनाशकारी

नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा- हम ऐसे विश्व में जिसके हिस्से यूरोप में चार महीने से युद्ध जारी है। अगर यह युद्ध रूस और नाटो के बीच छिड़ जाता है तो हालात बेहद खराब हो जाएंगे। इसलिए हम मास्को के लिए असमंजस और गलतफहमी की कोई जगह नहीं छोड़ना चाहते। हम नाटो की प्रत्येक इंच जमीन बचाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

पुतिन की चेतावनी में कुछ नया नहीं

मैड्रिड में तीन दिनों के विचार-विमर्श के बाद नाटो के नेताओं ने फिनलैंड और स्वीडन को संगठन में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित कर लिया है। अगर सभी 30 देश दोनों नार्डिक देशों के प्रवेश पर औपचारिक मुहर लगा देते हैं तो नाटो फिनलैंड की रूस से लगने वाली 1,300 किलोमीटर लंबी सीमा तक पहुंच जाएगा। समिट में एस्टोनिया के प्रधानमंत्री काजा कालास ने कहा, फिनलैंड और स्वीडन को लेकर राष्ट्रपति पुतिन की चेतावनी में कुछ नया नहीं है।

जेलेंस्की ने अतिरिक्त हथियारों की मांग की

आने वाले दिनों में हम कुछ साइबर अटैक जरूर देख सकते हैं। वीडियो लिंक के जरिये समिट में अपने संबोधन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने युद्ध के लिए अतिरिक्त हथियारों की मांग की। चीन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि गलत आरोपों के जरिये उस पर दुराग्रहपूर्ण हमले किए जा रहे हैं। नाटो कुछ देशों पर चुनौती पेश करने का दावा कर रहा है जबकि वास्तव में नाटो पूरी दुनिया में समस्याएं खड़ी कर रहा है। 


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