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ओरियन अंतरिक्ष यान के क्रू कैप्सूल पर होने वाले इंपैक्ट टेस्ट श्रृंखला का प्रसारण करेगा नासा

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि वह अपने ओरियन अंतरिक्ष यान के क्रू कैप्सूल पर होने वाले इंपैक्ट टेस्ट श्रृंखला का लाइव प्रसारण करेगा। आर्टेमिस मिशन के तहत ओरियन अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 09:05 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 09:05 PM (IST)
ओरियन अंतरिक्ष यान के क्रू कैप्सूल पर होने वाले इंपैक्ट टेस्ट श्रृंखला का प्रसारण करेगा नासा
नासा अपने ओरियन अंतरिक्ष यान के क्रू कैप्सूल पर होने वाले इंपैक्ट टेस्ट श्रृंखला का लाइव प्रसारण करेगा।

वर्जीनिया, एएनआइ। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि वह अपने ओरियन अंतरिक्ष यान के क्रू कैप्सूल पर होने वाले इंपैक्ट टेस्ट श्रृंखला का लाइव प्रसारण करेगा। आर्टेमिस मिशन के तहत ओरियन अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाएगा। बता दें कि आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत नासा वर्ष 2024 में चंद्र सतह पर पहली महिला और दूसरे आदमी को वहां उतारेगा। साथ चालू दशक के अंत तक वहां पर नियमित मानव मौजूदगी भी सुनिश्चित करेगा।

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नासा मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए अपने आर्टेमिस मिशन के दौरान मिले अनुभवों और प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएगी। यह परीक्षण वर्जीनिया के हैंपटन स्थित नासा के लैंगले रिसर्च सेंटर के लैंडिंग और इम्पैक्ट रिसर्च फैसिलिटी में छह अप्रैल को होगा। दर्शक इसका सीधा प्रसारण नासा टीवी, उसकी वेबसाइट और एप पर भारतीय समयानुसार सुबह 11.15 बजे देख सकेंगे। नासा ने कहा कि उसके इंजीनियर ओरियन अंतरिक्ष यान के 14 हजार पाउंड वाले टेस्ट वर्जन को हाइड्रो इंपैक्ट बेसिन में छोड़ेंगे।

115 फुट लंबा और 90 फुट चौड़ा यह एक बड़ा जलाशय है और इसमें 10 लाख गैलन पानी भरा है। इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवेरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गया दो किलोग्राम वजनी इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर पहली कंट्रोल फ्लाइट के लिए तैयार है। इसे इसकी पहली उड़ान के लिए मंगल की सतह पर उतार दिया गया है। यह पहला अवसर होगा जब कोई हेलीकॉप्टर मंगल की सतह से उड़ेगा और कैमरे में उसका नजारा कैद करेगा।

एक हजार किलोग्राम वजनी पर्सिवेरेंस 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरा था। इंजीन्यूटी अभी तक पर्सिवेरेंस से जुड़कर चार्ज हो रहा था लेकिन मंगल ग्रह के तापमान से अपने इलेक्ट्रानिक उपकरणों को सुरक्षित रखने के लिए अब वह अपने पावर सिस्टम का प्रयोग करेगा। यह पावर सिस्टम इंजीन्यूटी के आंतरिक हिस्से के तापमान को 45 डिग्री फारेनहाइट (सात डिग्री सेल्सियस) को बरकरार रखेगा। अगले कुछ दिनों में इंजीन्यूटी की टीम हेलीकॉप्टर के सोलर पैनल की जांच करेगी।  


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