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मंगल ग्रह की सतह से आज उड़ेगा नासा का इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर, जानिए क्यों खास है यह उड़ान

ऐसा दुनिया में आज तक नहीं हुआ है कि पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह पर हेलिकॉप्टर उड़ा हो। वहीं मंगल की सतह से उड़ने का मतलब है कि पृथ्वी पर 30000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे हों। यह काफी ऐतिहासिक उपलब्धि है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 07:55 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 02:38 AM (IST)
मंगल ग्रह की सतह से आज उड़ेगा नासा का इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर, जानिए क्यों खास है यह उड़ान
नासा टीवी पूरी प्रक्रिया का करेगी सजीव प्रसारण।

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवेरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गया दो किलोग्राम वजनी इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर कुछ दिनों पहले मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था। अब यह रविवार को जेजेरो क्रेटर से 12.30 बजे (मंगल ग्रह के स्थानीय समय के मुताबिक) अपनी पहली उड़ान भरेगा। यह 10 फुट की ऊंचाई पर 30 सेकेंड तक रहेगा।

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हेलीकॉप्टर मंगल की सतह से उड़ेगा, नासा टीवी पूरी प्रक्रिया का करेगी सजीव प्रसारण 

यह पहली बार होगा जब कोई हेलीकॉप्टर मंगल की सतह से उड़ेगा और कैमरे में उसका नजारा कैद करेगा। दक्षिणी कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के मिशन कंट्रोल विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सोमवार सुबह से उन्हें डाटा मिलने लगेगा। नासा टीवी इस पूरी प्रक्रिया का सजीव प्रसारण करेगी।

इंजीन्यूटी अपने पावर सिस्टम का प्रयोग करेगा

बता दें कि इंजीन्यूटी अभी तक पर्सिवेरेंस से जुड़कर चार्ज हो रहा था, लेकिन मंगल ग्रह के तापमान से अपने इलेक्ट्रानिक उपकरणों को सुरक्षित रखने के लिए अब वह अपने पावर सिस्टम का प्रयोग करेगा।

इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ने को तैयार

मंगल ग्रह पर जीवन तलाशने के अभियान में नासा एक आयाम और जोड़ने जा रहा है। फरवरी में नासा ने पर्सेवरेंस रोवर को मंगल ग्रह की सतह पर उतार कर इतिहास रच दिया था। अब इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ने को तैयार है। यह 11 अप्रैल को उड़ान भरेगा।

क्या है इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर और कैसे पहुंचा मंगल ग्रह पर

इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को मार्स पर्सेवरेंस रोवर के पेट के नीचे कवर करके लाल ग्रह पर भेजा गया था। यह कंगारुओं के बच्चों की तरह रोवर के पेट में छिपा था। मंगल ग्रह की रात बेहद सर्द भरी होती है और सतह पर तापमान -130°F (-90°C) तक गिर जाता है, इसलिए इसे वहां काफी संभाल के रखा था। नासा ने बताया था कि इंजीन्यूटी मार्स हेलिकॉप्टर ने लाल ग्रह मंगल पर अपनी पहली सर्द रात काफी सफलतापूर्वक काटी, जो काफी बड़ी सफलता है।

एयरक्राफ्ट आठ अप्रैल को उड़ने वाला था, लेकिन अब यह 11 अप्रैल को उड़ेगा

इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर ने अप्रैल के पहले हफ्ते में निकलना शुरू किया और चार अप्रैल तक इसने मंगल ग्रह की सतह को छू लिया था। साथ ही इसमें सोलर पैनल लगे हैं जिससे यह चार्ज होगा और उड़ान भरेगा। हालांकि यह एयरक्राफ्ट आठ अप्रैल को उड़ने वाला था, लेकिन अब यह 11 अप्रैल को उड़ेगा। 

मंगल ग्रह का वातावरण पृथ्वी से बहुत अलग

इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर की उड़ान इतनी आसान नहीं होगी होगी क्योंकि मंगल ग्रह का वातावरण पृथ्वी से बहुत अलग होता है। मंगल की हवा पृथ्वी की हवा से काफी हल्की होती है। इसलिए हेलिकॉप्टर को उड़ने में बहुत समस्या हो सकती है। हालांकि नासा ने इस परेशानी से निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए हैं।

इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर की ऐतिहासिक उड़ान

ऐसा दुनिया में आज तक नहीं हुआ है कि पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह पर हेलिकॉप्टर उड़ा हो। वहीं मंगल की सतह से उड़ने का मतलब है कि पृथ्वी पर 30,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे हों। यह काफी ऐतिहासिक उपलब्धि है।


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