हर बीमारी का नाम होता है 'खास', जानिए- जिनके नाम के आगे लिखा होता है 'N' कैसा होता है यह रोग?
एक नाम पूरी दुनिया के सामने आया है कोविड-19 (सीओवीआइडी)। इस नाम से इस समय दुनिया खौफ में है। जानें इस बीमारी और इससे संबंधित सभी जानकारी...
वॉशिंगटन, एजेंसी। वैसे तो शेक्सपियर ने कहा था, 'नाम में क्या रखा है।', लेकिन नाम का बहुत महत्व है। इसी वजह से धरती पर तबाही लाने वाले तूफान और घातक बीमारियों के नाम तक दिए जाते हैं। समुद्री तूफानों के विचित्र नाम अक्सर हमारे सामने आते रहते हैं, लेकिन इस बार एक नाम पूरी दुनिया के सामने आया है 'कोविड-19 (सीओवीआइडी)'। इस नाम से इस समय दुनिया खौफ में है।
1100 से अधिक लोग आधिकारिक रूप से इस बीमारी के शिकार बन चुके हैं, जबकि हजारों लोग संक्रमित हैं और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन इस बीमारी की वजह से आ गया है। आप सही सोच रहे हैं हम बात कर रहे हैं नोवल कोरोना वायरस की, जिसे कोविड-19 (सीओवीआइडी) लिखा जाएगा और संक्षेप में एनसीओवी-19। निश्चित रूप से आपके दिमाग में सवाल होगा कि क्यों और कैसे किसी बीमारी को कोई नाम दिया जाता है।
इसलिए पड़ी जरूरत
संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन से पहले एक ही बीमारी को दुनिया में अलग-अलग नामों से जाना जाता था, जिसकी वजह से कई बार भ्रम की स्थिति हो जाती थी। इस समस्या का निदान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने निकाला। अब यह डब्ल्यूएचओ की जिम्मेदारी है कि वह किसी नई बीमारी को एक नाम दे, ताकि सभी शोध संस्थानों और अस्पतालों को एक मानक मिले। इससे इलाज में काफी मदद भी मिलती है।
यह है प्रक्रिया
डब्ल्यूएचओ अचानक किसी बीमारी को कोई भी नाम नहीं देता है। इसके पीछे बड़ी कवायद होती है। वैश्विक संगठन का एक विभाग है इंटरनेशनल क्लासीफिकेशन ऑफ डिजीज (आइसीडी)। इसका यह काम है कि वह किसी बीमारी को कोई नाम दे। इस काम के लिए वह सबसे पहले ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ (ओआइई) और खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) से अहम जानकारी हासिल करता है।
दोनों संगठन आइसीडी को बताते हैं क्या जानवरों या पेड़-पौधों में उक्त बीमारी से मिलते-जुलते लक्षण वाली बीमारी तो नहीं मिलती है। यदि मिलती है तो उसके क्या कारण हैं। मतलब यदि बीमारी का मूलकारण एक ही प्रकार का पाया जाता है तो उसे पुराने नाम से जाना जाता है और नया कारण है तो बीमारी को नया नाम मिलता है।
क्या है सीओवीआइडी-19
सीओवीआइडी-19 को डिकोड करें, तो सीओ का मतलब है कोरोना, वीआइ का अर्थ है वायरस और डी डिजीज के लिए इस्तेमाल किया गया है। 19 वर्ष 2019 के लिए उपयोग में लाया गया है। डॉक्टर एनसीओवी-19 भी लिख सकते हैं। यहां एन का मतलब नोवल, सीओ का अर्थ कोरोना और वी वायरस के लिए इस्तेमाल किया गया है।
सतर्कता आवश्यक
आइसीडी किसी बीमारी का नाम रखने में बहुत सतर्क रहता है। डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार किसी बीमारी के नाम से किसी धर्म, नस्ल, देश और इलाके की भावनाओं को आहत करने वाली न हो। साथ ही बीमारी के लिए किसी देश, नस्ल, इलाके को किसी बीमारी के लिए जिम्मेदार ठहराने वाले नाम भी नहीं रखा जा सकता है।
'एन' बनाता है बीमारी को घातक
जब किसी बीमारी के नाम के आगे 'एन' शब्द लिख दिया जाता है तो समझ लें कि वह बीमारी घातक है और डॉक्टरों के लिए उसका इलाज करना कठिन है। नोवल शब्द के लिए एन लिखा जाता है। नोवल शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी बीमारी का पैथोलॉजिकल रिकॉर्ड नहीं होता और उसका पूरा एलगोरिदम नया होता है यानी शोधकर्ताओं को बिल्कुल शुरुआत से बीमारी को समझना पड़ता है। 2015 में स्वाइन फ्लू और मिडिल-ईस्ट रेसपेरेट्री सिंड्रोम के नाम को लेकर विवाद हुआ, जिसमें डब्ल्यूएचओ ने माना कि ये नाम नकारात्मक थे।