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सिंगापुर में रक्षा सहयोग व द्विपक्षीय रिश्तों पर चर्चा करेंगे पेंस-मोदी

पेंस और मोदी भारत-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाए रखने के अमेरिकी रुख को लेकर एक साझा दृष्टि पर बात करेंगे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 07:10 PM (IST)
सिंगापुर में रक्षा सहयोग व द्विपक्षीय रिश्तों पर चर्चा करेंगे पेंस-मोदी
सिंगापुर में रक्षा सहयोग व द्विपक्षीय रिश्तों पर चर्चा करेंगे पेंस-मोदी

वाशिंगटन, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस सिंगापुर में अगले हफ्ते होने वाली मुलाकात के दौरान रक्षा सहयोग एवं द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे। ह्वाइट हाउस की तरफ से दी गई जानकारी में इस बात पर बल दिया गया कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में हिंदुस्तान की भूमिका की संभावनाएं अनंत हैं।

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ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को पत्रकारों को बताया, 'पेंस व मोदी द्विपक्षीय संबंधों और रक्षा सहयोग को लेकर व्यापक संदर्भ में चर्चा करेंगे। हालांकि, यह नहीं कह सकता कि इस बार वे व्यापारिक (संबंधों पर) बातें करेंगे या नहीं।'

मोदी और पेंस अगले हफ्ते सिंगापुर में होने जा रहे आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) शिखर सम्मेलन एवं पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान मिलेंगे। पेंस इस सप्ताह के अंत में चार देशों की यात्रा पर रवाना होंगे। इसके तहत वह जापान, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर और पापुआ न्यू गिनी जाएंगे।

सिंगापुर में आयोजित आसियान शिखर सम्मेलन एवं पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन तथा पापुआ न्यू गिनी में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) सम्मेलन में पेंस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रतिनिधित्व करेंगे।एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा कि पेंस और मोदी भारत-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाए रखने के अमेरिकी रुख को लेकर 'एक साझा दृष्टि' पर बात करेंगे। भारत ने भी 'एक्ट ईस्ट' नीति के बारे में बात की है। इन दोनों बातों में 'काफी मेल' है।

भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत को बड़ा घटक करार देते हुए अधिकारी ने कहा, 'भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र है। अमेरिका दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र है।' उन्होंने यह भी कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत सिर्फ भौगोलिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। अधिकारी ने कहा, 'अमेरिकी प्रशासन के साथ शीर्ष नेतृत्व की बातचीत की गुणवत्ता और गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।'


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