अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना इंक ने किशोरों में वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए युरोप और कनाडा से मांगी मंजूरी
बच्चों के लिए वैक्सीन को बहुत जरूरी बताया जा रहा है क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों में ज्यादातर हल्के लक्षण दिखते हैं या फिर कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं। लेकिन बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा ज्यादा रहता है।
वाशिंगटन, रॉयटर्स। कोरोना रोधी वैक्सीन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना इंक ने किशोरों (12 से 17 साल के बच्चों) में इस्तेमाल करने की मंजूरी मांगी है। कंपनी ने अपने बनाए हुए वैक्सीन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की मांग करते हुए यूरोपीय और कनाडाई हेल्थ रेगुलेटर्स को आवेदन भेजा है। इसके साथ ही कंपनी ने 12 से 17 साल के किशोरों में टीके के आपात इस्तेमाल के लिए अमेरिका और विश्व के अन्य देशों के पास प्रस्ताव भेजने का विचार कर रही है।
अभी मॉडर्ना कंपनी के वैक्सीन का इस्तेमाल अमेरिका, यूरोप और कनाडा में 18 साल से ज्यादा के लोगों के लिए किया जा रहा है। हालांकि, अभी बच्चों को वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है।
बच्चों के लिए वैक्सीन को बहुत जरूरी बताया जा रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों में ज्यादातर हल्के लक्षण दिखते हैं या फिर कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं। लेकिन बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा ज्यादा रहता है।
सभी देशों में पूरी तरह से स्कूलों को फिर से खोलने और सामान्य स्थिति में लौटने के लिए बच्चों के टीकाकरण को बहुत जरूरी माना जा रहा है।
यूरोपीय संघ ने पिछले महीने फाइजर और जर्मन पार्टनर बायोएनटेक को कोविड-19 वैक्सीन को 12 साल से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी थी।
पिछले महीने मॉडर्ना के वैक्सीन को 12 से 17 साल के किशोरों में प्रभावकारी देखा गया था, ये परिक्षण 3,732 किशोरों को वैक्सीन लगाकर किया गया था। इसमें कोई नई या बड़ी सुरक्षा समस्या नहीं दिखाई दी थी।
मॉडर्ना इंक के मुताबिक उसने मध्य पूर्वी यूरोप और इजराएल के बाजारों में कंपनी के कोविड-19 वैक्सीन का व्यवसायीकरण करने के लिए इजराएल की कंपनी मेडिसन फार्मा के साथ साझेदारी की है।