कोरोना वैक्सीन लांच करने की तैयारी में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना, तीसरे चरण के ट्रायल में 30 हजार वॉलंटियर्स शामिल
अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना के सीईओ ने कहा है कि उनकी कंपनी जल्द ही अपनी कोरोना वैक्सीन बाजार में लाने वाली है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
न्यूयॉर्क, एजेंसियां। अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना जल्द ही अपनी कोरोना वैक्सीन बाजार में लाने वाली है। कंपनी के सीईओ ने कहा कि वैक्सीन के व्यवसायिक लांच के लिए सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। मॉडर्ना एमआरएनए-1273 के नाम से कोरोना वैक्सीन विकसित कर रही है। मॉडर्ना के सीईओ स्टीफन बैंसल ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द लाने की होड़ मची है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, बैंसल ने गुरुवार को एक बयान में कहा, कंपनी की एक वैक्सीन तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में है, जबकि चार वैक्सीन कैंडिडेट दूसरे चरण में।
उन्होंने बताया कि अमेरिका में एमआरएनए-1273 वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में 30 हजार वॉलंटियर्स शामिल हो रहे हैं। 16 सितंबर तक इनमें से 25,296 ने पंजीकरण भी करा लिया था। उन्होंने कहा कि आज की तारीख तक 10,025 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है। वहीं दूसरी ओर रूस ने कोरोना संक्रमण के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों को कोरोनाविर नामक दवा बेचने को मंजूरी दे दी है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, अगले हफ्ते से दवा की दुकानों से डॉक्टर के पर्चे पर यह दवा खरीदी जा सकती है। इससे पहले अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ही यह दवा देने को मंजूरी दी गई थी। कोरोनावीर आर-फार्मा की दवा है।
गौरतलब है कि अमेरिका इन दिनों दो सवालों से जूझ रहा है। पहला, कोरोना वैक्सीन कब तक आएगी? दूसरा, क्या मास्क वैक्सीन से ज्यादा कारगर है? इन पर राष्ट्रपति और देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी की राय एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। कोरोना की रोकथाम और वैक्सीन संबंधी सवालों का जवाब देने के लिए बुधवार को अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड सीनेट की एक कमेटी के सामने पेश हुए। इसके बाद मीडिया से बातचीत में रेडफील्ड ने कहा-दो बातें साफ कर देना चाहता हूं। पहली यह कि वैक्सीन अगले साल के मध्य तक ही देश के सभी लोगों को मिल पाएगी। दूसरी बात यह कि मास्क हर हाल में वैक्सीन से ज्यादा कारगर उपाय है।
वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रेडफील्ड की ये दलीलें रास नहीं आईं। कुछ घंटे बाद वह पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा, 'मैंने उनका बयान देखा और उन्हें बुलाकर बात की। मैंने उनसे पूछा-आखिर आप कहना क्या चाहते हैं? मुझे लगता है सीडीएस प्रमुख ने गलती कर दी है। मुझे नहीं लगता, उनका आशय यह रहा होगा।' उन्होंने कहा कि कुछ ही हफ्तों में वैक्सीन हमारे पास होगी। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की मंजूरी मिलते ही हम इसे तेजी से पूरे देश में पहुंचाएंगे। मुझे लगता है, हम अक्टूबर में इसकी शुरुआत कर सकते हैं। हम 2020 के अंत तक करीब 10 करोड़ डोज बांट चुके होंगे। इससे पहले, सीनेट कमेटी के सामने रेडफील्ड ने कहा था कि यदि वैक्सीन आज आ भी जाती है तो सभी अमेरिकियों तक इसे पहुंचाने में छह से नौ महीने लगेंगे।