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सऊदी तेल सुविधाओं पर हमलों में इस्तेमाल मिसाइलें 'ईरानी मूल' की थीं- UN महासचिव गुतेरस

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि पिछले साल सऊदी अरब की तेल सुविधाओं और एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमलों में इस्तेमाल की जाने वाली क्रूज मिसाइलें ईरानी मूल की थीं।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 11:42 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 11:42 AM (IST)
सऊदी तेल सुविधाओं पर हमलों में इस्तेमाल मिसाइलें 'ईरानी मूल' की थीं- UN महासचिव गुतेरस

न्यूयॉर्क, रायटर्स। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि पिछले साल सऊदी अरब की तेल सुविधाओं और एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमलों में इस्तेमाल की जाने वाली क्रूज मिसाइलें 'ईरानी मूल' की थीं। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार यूएन के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने एक रिपोर्ट में सुरक्षा परिषद को इसकी जानकारी दी। 

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एंटोनियो गुतेरस ने यह भी कहा कि नवंबर 2019 और फरवरी 2020 में अमेरिका द्वारा जब्त किए गए हथियार और इससे संबंधित सामान भी 'ईरानी मूल' की थीं। उन्होंने यह भी कहा कि मई और सितंबर के हमलों में इस्तेमाल किए गए ड्रोन भी 'ईरानी मूल' के थे। इनमें से कुछ की बनावट ईरान के एक वाणिज्यिक संस्था द्वारा निर्मित हथियारों मिलती हैं या इनपर फारसी चिह्न हैं। कुछ को फरवरी 2016 और अप्रैल 2018 के बीच देश में वितरित किया गया।

रिपोर्ट में गंभीर खामियां और गलतियां- ईरान

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने कहा कि रिपोर्ट में गंभीर खामियां और गलतियां हैं। न्यूयॉर्क में मिशन ने कहा, 'ईरान ने सऊदी अरब पर हमलों में उपयोग किए जाने वाले हथियारों के ईरानी कनेक्शन होने के संबंध में रिपोर्ट में की गई टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है। 

ईरान प्रतिबंधों को आगे बढ़ाने के पक्ष में अमेरिका

अमेरिका 15 सदस्यीय परिषद को अक्टूबर में समाप्त होने वाले होने परमाणु समझौते के तहत ईरान पर लागू प्रतिबंध को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा है। परिषद में रूस और चीन के पास वीटो पावर है। इन्होंने पहले ही इस कदम के खिलाफ विरोध में संकेत दे दिए हैं। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार सौदे के बाद से गुटेरेस साल में दो बार सुरक्षा परिषद में ईरान पर हथियार और अन्य प्रतिबंधों को लेकर रिपोर्ट देते हैं।

पिछले साल हुआ था हमला

बता दें कि पिछले साल सितंबर में खुरैस और अबकाइक में सऊदी के अरामको के दो तेल सुविधओं पर हमला हुआ था। इसके बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था। हूथी विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अमेरिका ने इसे लेकर ईरान पर आरोप लगाया। 


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