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US: रक्षा विभाग के सलाहकार जेम्‍स मिलर ने द‍िया इस्‍तीफा, चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग पर सियासत

मिलर ने लिखा है कि व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल तितर-बितर करने के लिए किया गया सुरक्षा के लिए नहीं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 02:54 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 03:10 PM (IST)
US: रक्षा विभाग के सलाहकार जेम्‍स मिलर ने द‍िया इस्‍तीफा, चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग पर सियासत
US: रक्षा विभाग के सलाहकार जेम्‍स मिलर ने द‍िया इस्‍तीफा, चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग पर सियासत

वाशिंगटन, एजेंसी। सेंट जॉन एपिस्कोपल चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग से आहत होकर अमेरिकी रक्षा विभाग के सलाहकार जेम्‍स जूनियर मिलर ने तत्‍काल प्रभाव से अपना इस्‍तीफा दे दिया है। उन्‍होंने अपने त्‍याग पत्र में कहा है एपिस्कोपल चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग के फैसले का रक्षा सचिव मार्क एस्‍पर विरोध कर सकते थे, लेकिन उन्‍होंने ऐसा नहीं किया। इसके साथ ही अमेरिका में चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग पर सियासत शुरू हो गई है। उनके इस्‍तीफे से यह बाद सिद्ध हो गई है कि चर्च में बल प्रयोग को ट्रंप प्रशासन में दो फाड़ हो गई है। अपने इस्‍तीफे में उन्‍होंने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप पर भी तंज कसा है।     

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 इस्‍तीफे के प्रमुख अंश... 

  • मिलर ने लिखा है कि व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल तितर-बितर करने के लिए किया गया, सुरक्षा के लिए नहीं। इसका इस्‍तेमाल राष्ट्रपति के फोटो सेशन के लिए रास्ता साफ करने के लिए हुआ। 
  • मार्क एस्‍पर उस दौरान राष्‍ट्रपति ट्रंप के साथ थे। उन्‍होंने लिखा है कि निश्चित रूप से आप ट्रंप के फैसले को रोकने में सक्षम नहीं थे लेकिन आप इसका विरोध कर सकते थे। लेकिन हैरत की बात यह कि य‍ह सब कुछ आप आंख बंद करके देखते रहे। उन्‍होंने कहा कि संविधान के सीमाओं में रहकर आप अपने कर्तव्‍य का पाल कर सकते थे।
  • उन्‍होंने अपने त्‍यागपत्र में लिखा है कि हमने अमेरिकी संविधान के प्रति सच्‍चे विश्‍वास और निष्‍ठा की शपथ ली है। संविधान की रक्षा की शपथ ली है।  उन्‍होंने लिखा है कि मुझे विश्वास है कि 1 जून, 2020 को रक्षा सचिव ने उस शपथ का उल्लंघन किया था।
  •  उन्‍होंने अपने त्‍याग पत्र में लिखा है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप की चर्च यात्रा के दौरान अमेरिकी सेना प्रमुख मार्क मिले के साथ रक्षा सचिव मार्क एस्‍पर भी मौजूद थे। उन्‍होंने कहा यह सत्‍य है कि संविधान के तहत उनकी अपनी एक सीमा है, लेकिन वह ऐसा कर सकते थे। 
  • उन्‍होंने कहा कि दुर्भाग्‍य से राष्‍ट्रपति ट्रंप इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं, तो आने वाले दिनों में आपको फिर से ऐसे सवालों का सामना करना पड़ सकता है। आपको फ‍िर से अमेरिकी महिलाएं एवं पुरुषों के खिलाफ सेना का इस्‍तेमाल करने को निर्देशित किया जा सकता है। यह नागरिकों एवं संविधान के लिए नुकसान देह है।   

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