दक्षिणी चीन सागर में सैन्य विस्तार अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ विरुद्ध : अमेरिकी विदेश मंत्री
चीन द्वारा सागर में सैन्य विस्तार की महत्वाकांक्षा फिर से दिखने लगी हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन अपना सैन्य विस्तार कर रहा हैं तो वहीं चीन को लेकर अमेरिका फिर से चिंतित हो गया है। अमेरिका ने कहा कि सैन्य विस्तार अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ विरुद्ध हैं।
वाशिंगटन, एएनआइ। चीन द्वारा सागर में सैन्य विस्तार की महत्वाकांक्षा फिर से दिखने लगी हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन अपना सैन्य विस्तार कर रहा हैं, तो वहीं चीन को लेकर अमेरिका फिर से चिंतित हो गया है। अमेरिकी अधिकारी ने चीन की कार्यवाहियों पर चिंता व्यक्त की हैं जिसने समुद्री संसाधनों का अवैध रूप से विस्तार किया जा रहा है और दूसरे राज्यों को धमकाया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने सोमवार को समुद्री सिद्धांतों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की और कहा कि दक्षिणी चीन सागर में सैन्य विस्तार अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ विरुद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में 'एनहांसिंग मैरीटाइम सिक्योरिटी - ए केस फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन' में हिस्सा लेते हुए, ब्लिंकन ने कहा कि इस समय दक्षिण चीन सागर में समुद्री सुरक्षा गंभीर खतरे में है। उन्होंने कहा कि सभी देशों की सुरक्षा और समृद्धि और वैश्विक स्थिरता के लिए नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है। उन्होंने समुद्री नियमों और सिद्धांतों को खतरे में दिखते हुए कहा कि दक्षिणी चीन सागर में गैरकानूनी समुद्री दावों और जहाजों के बीच खतरनाक मुठभेड़ के लिए उकसाने के लिए कार्यवाही देखी जा सकती हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारत को नेतृत्व, समुद्री नियमों, सिद्धांतों की सिफारिश करने और उन्हें मजबूत करने के लिए सभी देशों को एक साथ लाने के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री है जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान सुमद्री अपराध, असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करना और समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। चीन ने यह पहले ही घोषणा की है कि वह दक्षिण चीन सागर में शुक्रवार से पांच दिवसीय सैन्य अभ्यास करेगा। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है।