तुर्की के बाद यरुशलम और ब्रसेल्स जाएंगे अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो, नेतन्याहू से करेंगे मुलाकात
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ गुरुवार को तुर्की की अपनी यात्रा के बाद यरुशलम और ब्रसेल्स में नाटो का मुख्यालय जाएंगे।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ गुरुवार को तुर्की की अपनी यात्रा के बाद यरुशलम और ब्रसेल्स में नाटो का मुख्यालय जाएंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी सूचना दी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने कहा कि पोंपियो 18 अक्टूबर को यरुशलम की यात्रा करेंगे।यहां वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलंगे।
नेतन्याहू के साथ मुलाकात के दौरान सीरिया के ताजा घटनाक्रम और क्षेत्र में ईरानी शासन के अस्थिर व्यवहार का मुकाबला करने की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे। ओर्टागस ने कहा, 'बाद में उसी दिन, पोंपियो ब्रसेल्स, बेल्जियम की यात्रा करेंगे, जहां वह नाटो के महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग साथ मुलाकात करेंगे।'
तैयब एर्दोगन से मुलाकात
गौरतलब है कि पेंस और पोंपियो अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन से मलाकात करेंगे। इस दौरान सीरिया के खिलाफ तुर्की को आक्रमण को रोकने का आग्रह किया जा सके। विदेश विभाग ने अपने एक बयान में कहा कि पेंस और पोंपियो तुर्की की राजधानी अंकारा जा रहे हैं ताकि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन से सीरिया के अपने आक्रमण को रोकने का आग्रह किया जा सके। अंतरर्राष्ट्रीय समुदाय ने पहले ही चिंता व्यक्त की है कि तुर्की की घुसपैठ क्षेत्र में मानवीय स्थिति को खराब कर सकती है और सीरिया संकट को हल करने के प्रयासों में बाधा डाल सकती है।
रेसेप तैयब बोले जारी रहेगा अभियान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों को सीरिया में युद्ध विराम की मांग के लिए तुर्की भेजा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे लेकर एर्दोगन से बातचीत भी की। लेकिन तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भी कुर्द बलों के खिलाफ अपने घातक हमले को रोकने से मना कर दिया है। रेसेप तैयब ने बुधवार को कहा कि सीरिया में उनका अभियान जो अमेरिकी सैनिकों की वापसी से शुरू हुआ है वो जारी रहेगा। बता दें कि युद्ध प्रभावित सीरिया में तैनात एक हजार अमेरिकी सैनिक आने वाले कुछ हफ्तों में वापस आ जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले दिनों इन्हें वापस बुलाने का फैसला किया था।
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