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अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर होगी दुनिया की नजर, जानें- क्‍या होगा शीर्ष एजेंडा

देश में आम चुनाव के बाद यह किसी अमेरिकी वरिष्‍ठ अधिकारी की पहली यात्रा है। उनकी इस यात्रा पर दुनिया की नजर टिकी है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 01:19 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 01:57 PM (IST)
अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर होगी दुनिया की नजर, जानें- क्‍या होगा शीर्ष एजेंडा
अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर होगी दुनिया की नजर, जानें- क्‍या होगा शीर्ष एजेंडा

वाशिंगटन, एजेंसी । अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ नई दिल्‍ली के साथ ईरान से तेल आयात और रूस के साथ हथियारों के लेकर हुए करार पर वार्ता करेंगे। विदेश विभाग ने कहा कि उनकी इस यात्रा के दौरान विश्‍व के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच रणनीतिक संबंधों पर ध्‍यान केंद्रीत करने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि अगले हफ्ते माइक पोम्पिओ भारत आएंगे। देश में आम चुनाव के बाद यह किसी अमेरिकी वरिष्‍ठ अधिकारी की पहली यात्रा है। उनकी इस यात्रा पर दुनिया की नजर टिकी है।
विदेश विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा कि अपनी इस यात्रा के दौरान पोम्पिओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर से मिलेंगे। उनकी यह यात्रा अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के विस्‍तार में मील का पत्‍थर साबित होगी। बता दें कि पोम्पिओ मंगलवार को नई दिल्‍ली पहुंचेंगे। पोम्पिओ की इस यात्रा का एक और मकसद है। इस यात्रा के दौरान पोम्पिओ जापान के ओसका में जी-20 की होने वाली बैठक में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता के लिए एक बैठक आयोजित करेंगे। ओसका में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच होने वाली बैठक के लिए एजेंडा पर सहमति तैयार किया जाएगा।
इस यात्रा के दौरान पोम्पिओ भारतीय विदेश मंत्री के साथ विशेष रूप से सुरक्षा, ऊर्जा एवं अंतरिक्ष सहयोग पर वार्ता करेंगे। इसके साथ अमेरिकी विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए विभिन्‍न आयामों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ वह नई दिल्‍ली में एक सभा को संबोधित कर सकते हैं। इसके साथ वर्तमान में टैरिफ को लेकर अमेरिका-भारत के बीच विवाद गहराया है। इस विषय पर भी दोनों देशों के बीच वार्ता हो सकती है। अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुझे यकीन है कि कि सचिव अपनी यात्रा के दौरान अपनी अर्थव्यवस्थाओं की सामूहिक ताकत का एहसास करने के लिए असाधारण क्षमता का अनुभव करेंगे।
इसके साथ ही पोम्पिओ नई दिल्‍ली और मास्‍को के बीच सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एस-400) खरीदने पर अपनी गहरी आपत्ति दर्ज की है। वाशिंगटन ने साफ किया है कि भारत का यह कदम अमेरिका को सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध लगाने के लिए प्रेरित कर सकता है। विदेश विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि पोम्पिओ की इस यात्रा के दौरान भारत की ऊर्जा और सुरक्षा जरूरतों के साथ ईरान प्रतिबंधों पर भी चर्चा होगी।

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