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माइक्रोसॉफ्ट ने टिकटॉक को खरीदने का इरादा छोड़ा, ट्रंप एप पर प्रतिबंध की दे चुके हैं चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने इस चीनी कंपनी के अमेरिकी ऑपरेशंस को खरीदने का इरादा छोड़ दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 06:03 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 06:03 AM (IST)
माइक्रोसॉफ्ट ने टिकटॉक को खरीदने का इरादा छोड़ा, ट्रंप एप पर प्रतिबंध की दे चुके हैं चेतावनी
माइक्रोसॉफ्ट ने टिकटॉक को खरीदने का इरादा छोड़ा, ट्रंप एप पर प्रतिबंध की दे चुके हैं चेतावनी

सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने इस चीनी कंपनी के अमेरिकी ऑपरेशंस को खरीदने का इरादा छोड़ दिया है। अमेरिका में टिकटॉक के आठ करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। समाचार पत्र 'द वाल स्ट्रीट जनरल' की रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट और टिकटॉक एप के स्वामित्व वाली कंपनी बाइटडांस के बीच सौदे को लेकर बातचीत लगभग आखिरी चरण में थी। लेकिन ट्रंप द्वारा कार्यकारी आदेश के जरिए टिकटॉक पर पाबंदी लगाने की बात कहने के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने सौदे को लेकर बातचीत बंद कर दी है।

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अगर यह सौदा हो जाता तो माइक्रोसॉफ्ट सोशल मीडिया क्षेत्र की बड़ी कंपनी बन जाती, क्योंकि टिकटॉक युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है। लेकिन भारत द्वारा जून में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अमेरिका में उसके खिलाफ सघन जांच चल रही है। यही नहीं अमेरिका भी टिक टॉक पर प्रतिबंध लगा सकता है। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्र डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनका प्रशासन चीनी वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक (TikTok) पर प्रतिबंध लगा सकता है। ट्रंप ने कहा था कि हम TikTok के संबंध में बहुत सारे विकल्प देख रहे हैं।

बीते दिनों अमेरिका के कई शीर्ष रिपब्लिकन सांसदों ने चुनाव में चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉप की भूमिका को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि चीन इस एप के इस्तेमाल से चुनाव को प्रभावित कर सकता है। सात सांसदों के एक समूह ने अपनी इसी चिंता को लेकर नेशनल इंटेलीजेंस निदेशक जॉन रैटक्लिफे, फेडरल ब्यूरा ऑफ इंवेस्टीगेशन (FBI) निदेशक क्रिस्टोफर रेय और गृह सुरक्षा मामलों के कार्यकारी मंत्री चाड वोल्फ को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने चुनावों की सुरक्षा और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सही दिशा में कदम उठाने की अपील की थी।

इससे पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी चेतावनी दी थी कि चुनाव में चीन, रूस और ईरान दखल दे सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया (Australia) भी चीनी एप टिकटॉक (TikTok) की निगरानी कर रहा है। वह देखेगा कि चीन नागरिकों से जुड़ी जानकारी तो नहीं चुरा रहा। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा था कि सरकार टिकटॉक को अच्छी तरह से देख रही है। अगर जरूरी हुआ तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। 


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