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म‌र्क्स ने कहा, उसकी कोरोना रोधी गोली कम प्रभावी, पहले बताया था असरदार

Merck COVID 19 pill कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अमेरिका और ब्रिटेन में दो नई दवाएं विकसित की गई हैं। दोनों नई एंटीवायरल दवाइयां कोरोना के गंभीर मरीजों पर ट्रायल के दौरान काफी असरदार रही हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 01:54 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 02:14 AM (IST)
म‌र्क्स ने कहा, उसकी कोरोना रोधी गोली कम प्रभावी, पहले बताया था असरदार
म‌र्क्स ने कहा, उसकी कोरोना रोधी गोली कम प्रभावी

न्यूजर्सी, रायटर। अमेरिकी दवा कंपनी म‌र्क्स (Merck) ने कहा कि उसकी कोरोना रोधी दवा (गोली) वायरस के चलते अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे को कम करने में कम प्रभावी पाई गई है। पहले कंपनी ने इसे अधिक असरदार बताया था।

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कंपनी ने कहा कि 1,433 मरीजों पर किए गए अध्ययन के आधार पर उसकी गोली को अस्पताल में भर्ती होने और मौत के खतरे में 30 प्रतिशत की कमी करते पाया गया है। अक्टूबर में कंपनी ने 775 मरीजों पर किए गए शोध के आधार पर इसे 50 प्रतिशत प्रभावी बताया था। म‌र्क्स ने मोलनुपिरावीर के नाम से यह दवा बनाई है।

बता दें कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए लिए अमेरिका और ब्रिटेन में दो नई दवाएं आई हैं। दोनों नई एंटीवायरल दवाइयां कोरोना के गंभीर मरीजों पर ट्रायल के दौरान काफी असरदार रही हैं। इनमें से एक को अमेरिकी कंपनी फाइजर ने बनाया है को तो दूसरी को मर्क एंड कंपनी ने बनाया है। अब इन दोनों ही दवाओं को खरीदने के लिए दुनिया के देशों में होड़ मच गई है। दुनिया के कई देशों मे इन दोनों ही दवाओं का आर्डर  दिया है।

हाल में ही अमेरिकी फार्मास्‍युटिकल कंपनी फाइजर ने ऐलान किया कि अपनी ओरल एंटीवायरल कोविड-19 दवा गरीब देशों में अधिक सस्‍ते में उपलब्‍ध कराने के लिए उसने एक समझौता किया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि यदि यह दवा ट्रायल और नियामक अनुमोदन में खरी उतरती है तो बेहद कम कीमत पर दुनिया के बड़े हिस्‍से खासकर न‍िम्‍न और मध्‍यम आय वर्ग के देशों को उपलब्‍ध हो सकेगी। फाइजर, जो जर्मन लैब BioNTech के साथ कोविड वैक्‍सीन भी बनाती है, की ओर से कहा गया है कि इसने बिना कोई रायल्‍टी लिए अपनी Paxlovid गोली (pill) के सबलाइसेंस प्रोडक्‍शन के लिए जेनेरिक दवा निर्माताओं के साथ एक समझौता किया हैं। कंपनी के अनुसार, उसके इस कदम से उक्त दवा दुनिया की आधी आबादी के लिए उपलब्ध हो सकती है। स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि फाइजर की दवा को दूसरी जगहों पर मंजूरी मिलने से और पहले ही इस समझौते के होने से महामारी से जल्दी निजात पाई जा सकती है।


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