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वेनेजुएला: ड्रैगन को मनाने के लिए चीन पहुंचे गुएडो, चुनाव न कराने पर अडिग हुए मादुरो

वेनेजुएला में जारी राजनीतिक संकट के बीच खुद को राष्ट्रपति घोषित करने वाले नेता गुएडो ने ड्रैगन के समक्ष दोस्ती का हाथ बढ़ाने के मकसद से चीन की यात्रा पर हैं। अमेरिका की नजर उनकी इस यात्रा पर टिकी है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 07:42 AM (IST)
वेनेजुएला: ड्रैगन को मनाने के लिए चीन पहुंचे गुएडो, चुनाव न कराने पर अडिग हुए मादुरो
वेनेजुएला: ड्रैगन को मनाने के लिए चीन पहुंचे गुएडो, चुनाव न कराने पर अडिग हुए मादुरो

काराकस [ एजेंसी ]। वेनेजुएला में सत्‍ता संघर्ष का खेल धीरे-धीर अब दिलचस्‍प मोड़ पर पहुंच चुका है। ताजा घटनाक्रम में विपक्षी नेता जुआन गुएडो द्वारा खुद को लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला का अंतरिम नेता घोषित किए जाने के बाद राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने यूरोपीय देशों द्वारा राष्‍ट्रपति चुनाव के आह्वान को खारिज कर दिया है। मादुरो ने स्पेनिश टेलीविजन स्टेशन सेक्सा के साथ रविवार को एक साक्षात्कार में कहा कि वह किसी दबाव में आकर देश में राष्‍ट्रपति चुनाव की अनुमति हरगिज नहीं देंगे। मादुरो ने कहा कि यूरोपीय देश का यह अल्टीमेटम टकराव को चरम स्थिति तक पहुंचाने वाला है। इस बीच विपक्ष के नेता गुएडो ड्रैगन को अपने पक्ष में करने के लिए चीन की यात्रा पर हैं। उनकी इस चीनी यात्रा पर अमेरिका की पैनी नजर है।
ओटावा में मिलेगा 14 राष्‍ट्रों का समूह
इस बीच वेनेजुएला की राजनीतिक-आर्थिक समस्‍या पर विचार करने के लिए कनाडा और लैटिन अमेरिकी देशों का समूह 'लीमा' सोमवार को ओटावा में मिल रहा है। यह 14 राष्‍ट्रों का समूह है। इसके सदस्‍य देशों ने गुएडो को मान्‍यता दी है। यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी राज्‍यों ने वेनेजुएला संकट का हल निकालने के लिए 90 दिन का वक्‍त देते हुए संपर्क समूह का गठन किया है।
समर्थन के लिए चीन रवाना हुए गुएडो
उधर, गुएडो अपने अंतरराष्ट्रीय समर्थन के विस्तार के मकसद से चीन की यात्रा पर हैं। उनकी यह चीनी यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। क्‍योंकि चीन और रूस राष्‍ट्रपति मादुरो के पक्ष में हैं। ऐसे में यह गुएडो विरोधी चीन को आश्‍वस्‍त करेंगे कि यदि वह मादुरो को बाहर करने में सफल रहे तो द्विपक्षीय समझौतों का सम्मान करेंगे। गुएडो की इस यात्रा पर अमेरिका समेत लैटिन अमेरिकी देशों की नजर है। यदि वह चीन को अपने पक्ष में लाने में सफल हो जाते हैं तो यह उनकी बड़ी जीत मानी जाएगी।

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यूरोपीय संघ के स्‍टैंड पर टिकी अमेरिका की निगाह
बता दें कि यूरोपीय संघ ने मादुरो को रविवार तक का समय दिया था। संघ ने कहा था कि अगर मादुरो रविवार तक राष्‍ट्रपति चुनाव पर हामी नहीं भरते तो जुआन गुएडो को राष्‍ट्रपति की मान्‍यता दे देगा। यह समय सीमा अब समाप्‍त हो गई है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि क्‍या यूरोपीय संघ गुएडो को वेनेजुएला के राष्‍ट्रपति के रूप में मान्‍यता देता है या नहीं। गौरतलब है कि अमेरिका, कनाडा, आस्‍ट्रेलिया और कई लैटिन अमेरिकी देश गुएडो को मान्‍यता दे चुके हैं। उधर, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फोन पर गुएडो के साहस और नेतृत्व के लिए सराहना की। कनाडा के प्रधानमंत्री ने वेनेजुएला में राष्‍ट्रपति चुनाव को लेकर गुएडो की मांग पर अपना समर्थन व्‍यक्‍त किया।


अमेरिका ने किया प्रदर्शनकारियों का समर्थन
इस बीच एक बार फ‍िर अमेरिका ने भी मादुरो को हटाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदर्शनकारी आजादी के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर विपक्ष के नेता और स्वघोषित राष्ट्रपति जुआन गुएडो के प्रति अमेरिकी समर्थन दोहराया है।

क्या है पूरा विवाद ?
दरअसल, 23 जनवरी को विपक्षी नेता जुआन गुएडो ने मादुरो को सीधी चुनौती देते हुए खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर लिया था। गुएडो ने कहा था कि वह संविधान के मुताबिक ही काम कर रहे हैं। देश के संविधान के दो अनुच्छेद के तहत नेशनल असेंबली के नेता को यह अधिकार दिया गया है कि वह अस्थायी रूप से सत्ता अपने हाथ में लेकर चुनाव की घोषणा कर सकता है। गुएडो को अमेरिका समेत लैटिन अमेरिकी देशों ने भी राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता भी दे दी। यूरोपीय देश भी गुएडो के समर्थन में उतर गए हैं। जबकि रूस और चीन ने मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समर्थन किया है।


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