Colour Blindness के शिकार हैं मार्क जुकरबर्ग, इसलिए FACEBOOK का रंग है नीला!
FACEBOOK के मार्क जुकरबर्ग को कलर ब्लाइंडनेस है इस वजह से उन्होंने इसका रंग नीला ही रखा है। ये बात उन्होंने खुद स्वीकार की है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल] आजकल सोशल नेटवर्किंग का जमाना है। तकनीकी ने जिस तरह से विकास किया है उससे आज के समय में हर कोई किसी न किसी तरह से जुड़ा हुआ है। सोशल नेटवर्किंग साइट का दायरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। इसी तरह से फेसबुक, टवीटर, इंस्टाग्राम जैसी साइटों से लोग रोजाना जुड़ते जा रहे हैं। हर दिन हजारों लोग इन साइटों पर जाकर अपना एकाउंट बना रहे है और लोगों से साथ जुड़ रहे हैं।
आज हम आपको सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के बारे में कुछ जानकारियां देंगे, जैसे- सबसे बड़ा सवाल फेसबुक का रंग नीला क्यों है, इसका रंग कुछ और क्यों नहीं है? यदि किसी का फेसबुक पर कोई एकाउंट है और उसकी मौत हो जाती है तो फेसबुक सूचना मिलने के बाद उस एकाउंट का क्या करता है। फेसबुक किन-किन देशों में बैन है। फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग तक पहुंचने के लिए क्या करना होगा? यदि आपके दिमाग में इस तरह के तमाम सवाल उठते हैं तो आपको ये खबर जरुर पढ़नी चाहिए।
आखिर फेसबुक का रंग नीला ही क्यों है?
वैसे तो प्रमुख 7 रंग ही बताए जाते हैं मगर इन 7 रंगों से ना जानें कितने तरह के रंग बनाए जा सकते है, उसके बाद भी आखिर फेसबुक का रंग नीला ही क्यों? दरअसल फेसबुक के चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख पाते हैं। उनको कलर ब्लाइंडनेस है। उनको रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है, ये बातें उन्होंने एक टेलिविजन टॉक शो स्वीकार भी की है। उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे वे सबसे बेहतर ढंग से देख पाते हैं। इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है।
जुकरबर्ग को खोजना सबसे आसान
यदि आप गूगल पर सर्च करने के मामले में थोड़े से जानकार हैं तो आप मार्क जुकरबर्ग को बहुत ही आसानी से खोज सकते हैं। आपको फेसबुक पर लॉग इन करके अपने होम पेज पर हैं तो उस वक्त आपका यूआरएल https://www.facebook.com होता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि अगर आप अपने इसी url के आगे बस /4 जोड़ देंगे तो आप सीधे मार्क जुकरबर्ग की वॉल पर पहुंच जाएंगे। यदि आप कम्प्यूटर सिस्टम पर है तो इसे एक बार ट्राई भी कर सकते हैं।
हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर
फेसबुक की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं। इसके अलावा फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अलग-अलग देशों से अपलोड की जाती हैं, हर 60 सेकंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं। फेसबुक पर इस समय लगभग 9 करोड़ फेक प्रोफाइल्स भी हैं।
इन दो देशों में फेसबुक बैन भी है
फेसबुक पर दुनियाभर के अरबों यूजर्स हैं। इन अरबों यूजर्स के बावजूद चीन और उत्तर कोरिया में फेसबुक बैन है। अंदाजा लगाइये कि यदि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले चीन में भी फेसबुक पर बैन नहीं होता तो इसके यूजर्स की संख्या और अधिक होती।
इनको कोई नहीं कर सकता ब्लॉक
कई बार हम फेसबुक पर पसंद न आने वाले को ब्लॉक कर देते हैं मगर क्या आपको उम्मीद है कि इसी फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे दुनिया का कोई भी फेसबुक यूजर ब्लॉक नहीं कर सकता है। वह प्रोफाइल खुद मार्क जुकरबर्ग की है। उनको खोजने के बाद भी कोई उनको ब्लॉक नहीं कर सकता है, यदि आपको यकीन नहीं है तो आप उनकी प्रोफाइल को खोजने के बाद इसे भी ट्राई करके देख सकते हैं।
Memorialized Account
यदि हमारी जान पहचान के किसी व्यक्ति का फेसबुक पर एकाउंट है और किसी वजह से उसकी मौत हो जाती है। उसके बारे में फेसबुक को सूचना दे दी जाती है तो फेसबुक की ओर से ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक (Memorialized Account) बना दिया जाता है। स्मारक एकाउंट बना दिए जाने के बाद इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है, फेसबुक की ओर से ऐसी व्यवस्था भी कर दी जाती है कि इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता। यदि आपके किसी जानकार की मौत हो गई है तो आप भी फेसबुक को सूचना देकर ऐसे खाते को मैमोराइज्ड एकाउंट बनवा सकते हैं।
मार्क जुकरबर्ग बढ़ाते गए कारवां खरीदा इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप
फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग एक के बाद एक चीज को लांच करने के बाद अपना कारवां बढ़ाते गए। फेसबुक के बाद उन्होंने इंस्टाग्राम खरीद लिया फिर व्हाट्सएप को भी खरीद दिया। आज के समय ये ही तीनों सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली सोशल नेटवर्किंग साइट्स हैं। फेसबुक 2004 मार्च में शुरू हुआ, एक साल के भीतर ही इसने 10 लाख यूजर्स जुटा लिए थे। जून 2009 तक यह इतना बढ़ चुका था कि यह अमेरिका की नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गयी। अप्रैल 2012 में फेसबुक ने इंस्टाग्राम और 2014 में व्हाट्सएप को भी खरीद लिया था।