Move to Jagran APP

वजन 1.2 किलो, लंबाई 70 सेंटीमीटर, ये है गोल्ड मेडलिस्ट चूहा, कारनामा जानकर रह जाएंगे हैरान

इंसानों को मशीनों की मदद से इस तरह की बारूदी सुरंग का पता लगाने में काफी समय लगता है ये काम चूहा कम समय में कर देता है। कंबोडिया में एक चूहे को बारूदी सुरंग का पता लगाकर लोगों का जीवन बचाने के लिए गोल्ड मेडल दिया गया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 11:31 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 01:05 PM (IST)
वजन 1.2 किलो, लंबाई 70 सेंटीमीटर, ये है गोल्ड मेडलिस्ट चूहा, कारनामा जानकर रह जाएंगे हैरान
अपने मेडल के साथ मगावा। मगावा को पीडीएसए गोल्ड मेडल दिया गया। (फाइल फोटो)

लंदन, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज एजेंसी। आमतौर पर लोगों की जिंदगी बचाने का काम सेना के जवानों और सुरक्षाकर्मियों के ही जिम्मे माना जाता है मगर जब यही काम कोई बेजुबान और छोटा सा जानवर करता है तो वो इनाम का हकदार हो जाता है। बेजुबान जानवरों से ऐसी उम्मीद भी नहीं की जाती है कि वो किसी की जान बचाने जैसा जोखिम भरा काम कर सकते हैं मगर लंदन में ऐसा एक मामला सामने आया है जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। ये बेजुबान जानवर एक छोटा चूहा है।

loksabha election banner

बारूदी सुरंग और विस्फोटक सामग्री का पता लगाया 

मगावा नामक चूहे को पीडीएसए गोल्ड मेडल से नवाजा गया है। यह मेडल पशुओं को बहादुरी के लिए दिया जाता है। मगावा 39 से ज्यादा बारूदी सुरंग और अन्य विस्फोटक सामग्री का पता लगा चुका है। बारूदी सुरंग के बारे में पता चलने पर वह जमीन को खोदना शुरू कर देता है, जिससे उसकी देखभाल करने वालों को विस्फोटक पदार्थ की मौजूदगी का पता चल जाता है।

मगावा को बेल्जियम के गैर लाभकारी संगठन एपोपो ने प्रशिक्षित किया है। यह संगठन वर्ष 1990 से बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए जानवरों का इस्तेमाल कर रहा है। संगठन के मुताबिक, मगावा का वजन कम है। यदि वह किसी बारूदी सुरंग के ऊपर भी पहुंच जाता है तब भी उसमें विस्फोट नहीं होता। वह टेनिस कोर्ट जितने बड़े मैदान को जांचने में 20 मिनट का वक्त लेता है।

क्यों दिया गया पुरस्कार 

ब्रिटेन की एक चैरिटी संस्था ने अफ्रीकी नस्ल के एक विशाल चूहे को बहादुरी के लिए गोल्ड मेडल से नवाजा है। इस चूहे ने कंबोडिया में बारूंदी सुरंगें हटाने में मदद की थी। वह इस पुरस्कार को जीतने वाला पहला चूहा है। इस अफ्रीकी जाइंट पाउच्ड चूहे का नाम मागावा है और वह सात साल का है। उसने सूंघकर 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया। इसके अलावा उसने 28 दूसरे ऐसे गोला बारूद का भी पता लगाया जो फटे नहीं थे। शुक्रवार को ब्रिटेन की चैरिटी संस्था पीडीएसए ने इस चूहे को सम्मानित किया।

15 लाख वर्गफीट इलाके को बारूदी सुरंग से मुक्त बनाया 

मागावा ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में 15 लाख वर्ग फीट के इलाके को बारूदी सुरंगों से मुक्त बनाने में मदद की। इस जगह की तुलना आप फुटबॉल की 20 पिचों के बराबर से कर सकते हैं। यह बारूदी सुरंगें 1970 और 1980 के दशक की थीं जब कंबोडियो में बर्बर गृह युद्ध छिड़ा था। कंबोडियो के माइन एक्शन सेंटर (सीएमएसी) का कहना है कि अब भी 60 लाख वर्ग फीट का इलाका ऐसा बचा है जिसका पता लगाया जाना बाकी है। 

कैसे लगाया बारूदी सुरंगों का पता 

चूहों को सिखाया जाता है कि विस्फोटकों में कैसे रासायनिक तत्वों को पता लगाना है और बेकार पड़ी धातु को अनदेखा करना है। इसका मतलब है कि वे जल्दी से बारूदी सुरंगों का पता लगा सकते हैं। एक बार उन्हें विस्फोटक मिल जाए तो फिर वे अपने इंसानी साथियों को उसके बारे में सचेत करते हैं। उनकी इस ट्रेनिंग में एक साल का समय लगता है। बारूदी सुरंग हटाने के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठन हालो ट्रस्ट का कहना है कि इन बारूंदी सुरंगों के कारण 1979 से अब तक 64 हजार लोग मारे जा चुके हैं जबकि 25 हजार से ज्यादा अपंग हुए हैं।

वजन मात्र 1.2 किलो, लंबाई 70 सेंटीमीटर 

मागावा का वजन सिर्फ 1.2 किलो है और वह 70 सेंटीमीटर लंबा है। इसका मतलब है कि उसमें इतना वजन नहीं है कि वह बारूदी सुरंगों के ऊपर से गुजरे तो वे फट जाए। वह आधे घंटे में टेनिस कोर्ट के बराबर जगह की तलाशी ले सकता है। इंसानों को इतने बड़े इलाके को मेटल डिटेक्टरों के सहारे साफ करने के लिए चार दिन चाहिए।

अब होगा रिटायर 

सात साल की उम्र पूरी करने के बाद अब मागावा अपने रिटायरमेंट के करीब है। कैलिफोर्निया के सैन डिएगो चिड़ियाघर का कहना है कि जाइंट अफ्रीकी पाउच्ड चूहों की औसत उम्र आठ साल होती है। पीडीएसए के महानिदेशक जैन मैकलोगलिन ने ब्रिटेन के प्रेस एसोसिएशन के साथ बातचीत में कहा कि मागावा ने उन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की जिंदगी बचाई है जो इन बारूदी सुरंगों से प्रभावित होते हैं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.