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जानें- क्‍या होता है एसपीआर, जिसमें किस्‍मत आजमाने जा रहे हैं भारत और यूएस समेत चार देश

तेल की कीमतों में आई तेजी और इसके उत्‍पादन को बढ़ाने में हो रही आनाकानी के बाद अब अमेरिका ने कुछ अलग योजना बनाई है। ये योजना चार देशों के साथ मिलकर एसपीआर बनाने की है जिसमें भारत भी शामिल है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 02:47 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 03:13 PM (IST)
जानें- क्‍या होता है एसपीआर, जिसमें किस्‍मत आजमाने जा रहे हैं भारत और यूएस समेत चार देश
भारत, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच बनी योजना

वाशिंगटन (रायटर्स)। तेल की कीमतों में हो रही तेजी और ओपेक देशों के तेल उत्‍पादन बढ़ाने को लेकर की जा रही आनाकानी से अमेरिका समेत दूसरे देश परेशान हैं। यहीं वजह है कि अमेरिका ने भारत, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर एसपीआर में हाथ डालने का फैसला किया है। एसपीआर का अर्थ होता है स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व। इसका अर्थ ऐसे ऐसे तेल भंडारों से होता है जहां पर विभिन्‍न देश इमरजेंसी के हालात में इस्‍तेमाल के लिए तेल का भंडार रखते हैं। अमेरिका के पास दुनिया के पास सबसे बड़े एसपीआर हैं। इनमें करीब 71.4 करोड़ बैरल तेल रखा जा सकता है। अमेरिका में एसपीआर की शुरुआत 1975 में आए तेल संकट के बाद हुई थी। 

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आपको यहां पर ये भी बता दें कि इमरजेंसी के तौर पर तेल का दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार रखने वालों में वेनेजुएला, रूस, कुवैत, यूएई, लीबिया, नाइजीरिया, सऊदी अरब, कनाडा, ईरान, इराक, कजाखस्तान, कतर, चीन, अंगोला, अल्जीरिया और ब्राजील शामिल हैं। 

भारत की बात करें तो यहां पर 3.69 करोड़ बैरल तेल इमरजेंसी के तौर पर रखा जाता है। इससे करीब नौ दिनों तक काम चलाया जा सकता है। तेल शोधक कारखानों में भी 64.5 दिन के लायक कच्चा तेल रखा जाता है। यहां पर आपको याद दिला दें कि तेल की बढ़ती कीमतों के बाद अमेरिका ने ओपेक देशों पर तेल उत्‍पादन बढ़ाने को लेकर दबाव बनाया था। हालांकि इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया।

नतीजतन उत्‍पादन नहीं बढ़ाया गया और इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमतें लगातार बढ़ ही रही हैं। हालांकि ओपेक देशों की तरफ से प्रतिदिन चार लाख बैरल उत्पादन बढ़ाने की बात जरूर कही थी। ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों ने 2020 में आयल सप्‍लाई को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई थी, उन्‍हें अब धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। 

तेल उत्‍पादन की घटती संभावना और इसकी बढ़ती कीमतों के चलते माना जा रहा है कि अमेरिका ने एशियाई देशों के साथ मिलकर आपातकालीन तेल  भंडार बढ़ाने और कर्ज पर तेल देने की योजना तैयार की है, जिसकी घोषणा मंगलवार को हो सकती है। इसके लिए भारत, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मिलकर अदला-बदली की योजना बना गई है।


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