Move to Jagran APP

रिपब्लिकन हैं लापरवाह, महामारी के बजाए SC जज की नियुक्ति पर दे रहे जोर: कमला हैरिस

US Elections 2020 कोविड-19 से त्रस्त अमेरिका में महामारी से राहत के उपायों पर ध्यान देने के बजाए सुप्रीम कोर्ट के लिए जज के नॉमिनेशन पर जोर देने वाले रिपब्लिकन सांसदों को डेमोक्रेटिक उपराष्टपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने लापरवाह बताया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 11:59 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 11:59 AM (IST)
रिपब्लिकन हैं लापरवाह, महामारी के बजाए SC जज की नियुक्ति पर दे रहे जोर: कमला हैरिस
डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति उम्मीदवार हैरिस ने कहा- लापरवाह हैं रिपब्लिकन सांसद

 वाशिंगटन, एएनआइ। डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और कैलिफोर्निया की सांसद कमला हैरिस (Kamala Harris) ने सोमवार को रिपब्लिकन पार्टी पर निशाना साधा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दिवंगत जज की जगह पर  रिपब्लिकन पार्टी की ओर से जज एमी कोने बैरेट के नाम को प्रस्तावित किया गया जिसपर हैरिस ने कहा कि बजाए कोविड-19 से राहत के उपायों पर ध्यान देने के रिपब्लिकन सांसद सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए नाम का प्रस्ताव दे रहे हैं जबकि अमेरिका में संक्रमण के हालात काफी बुरे स्तर पर पहुंच चुका है। अब तक यहां 79 करोड़ संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 2 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 

loksabha election banner

हैरिस ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीनेट में मौजूद रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने यह साबित कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता महामारी से जूझ रहे लोगों की मदद करना नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति लगाना है। 

हैरिस ने सीनेट के जरिये सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति को मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम अमेरिकियों की इच्छा के विरुद्ध उठाया जा रहा है और इसे तब तक रोक देना चाहिए जब तक व्हाइट हाउस में नया राष्ट्रपति न आ जाए। बता दें कि 26 सितंबर को 87 वर्षीय रूथ बादर गिन्सबर्ग के निधन से सुप्रीम कोर्ट में एक पद खाली हो गया था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी जगह 48 वर्षीय कानून की प्रोफेसर एमी कोनी बैरेट को नामित किया है। गिन्सबर्ग जहां उदारवादी थीं वहीं बैरेट रुढ़िवादी हैं।

सोमवार को सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेते हुए हैरिस ने कोरोना महामारी और कमेटी सदस्यों के संक्रमित होने के बीच चलने वाली इस प्रक्रिया की निंदा की। बता दें कि कमेटी के दो सदस्य सीनेटर माइक ली और सीनेटर टॉम टिलिस की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने कहा, '90 लाख लोग वोट डाल चुके हैं और राष्ट्रपति चुनाव तक लाखों अन्य लोगों के वोट डालने का अनुमान हैं। प्रत्येक अमेरिकी चाहता है कि जो भी चुनाव में जीतकर आए वह सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति करे। यह बात हमारे रिपब्लिकन साथी भी जानते हैं, लेकिन वह जानबूझकर अमेरिकी लोगों की इच्छा के विरुद्ध काम कर रहे हैं।'

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति की पुष्टि सीनेट को करनी होती है। फिलहाल सीनेट में रिपब्लिकन का बहुमत है। देश की सर्वोच्च अदालत में 9 जजों में से पांच रुढ़िवादी हैं। अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति जीवन भर के लिए होती है, जब तक कि वो इस्तीफा देकर ना हटें, स्वेच्छा से रिटायर ना हों या फिर उन्हें सरकार तय प्रक्रियाओं के तहत हटा ना दे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.