कमला हैरिस बोलीं, मेरी मां ने हाथ पर हाथ रखकर बैठने की जगह हालात को बदलने की सीख दी
कमला ने कहा कि उनकी जिंदगी में मां ने अहम भूमिका निभाई। मां ने मेरी बहन माया और मुझे यह सिखाया कि आगे बढ़ते जाना हम पर और अमेरिका की हर पीढ़ी पर निर्भर है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में अपनी मां श्यामला गोपालन को याद किया। उन्होंने कहा, 'मेरी मां ने ही मुझे मुश्किल समय में हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहने और शिकायत करने की बजाय हालात को बदलने की कोशिश करने की सीख दी थी।'
मेरी जिंदगी में मां ने निभाई अहम भूमिका
विलिमिंगटन में जो बिडेन के साथ मंच साझा करते हुए कमला ने कहा कि उनकी जिंदगी में मां ने अहम भूमिका निभाई। मां ने मेरी बहन माया और मुझे यह सिखाया कि आगे बढ़ते जाना हम पर और अमेरिका की हर पीढ़ी पर निर्भर है। उन्होंने सिखाया कि हाथ पर हाथ रखकर मत बैठ जाओ और चीजों को लेकर शिकायत मत करो। इससे बेहतर है कि कुछ करके दिखाओ। हैरिस इस समय कैलिफोर्निया से सीनेटर हैं।
उनके पिता जमैका के मूल निवासी और मां भारतीय हैं। हैरिस ने कहा, 'मेरे माता-पिता दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से विश्वस्तरीय शिक्षा के लिए अमेरिका आए थे।' हैरिस की मां श्यामला स्तन कैंसर विशेषज्ञ थीं। वह यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले में डॉक्टरेट करने के लिए 1960 में तमिलनाडु से अमेरिका आ गई थीं। उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस अर्थशास्त्र की पढ़ाई के लिए जमैका से आए थे। वे स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं।
हैरिस ने बताया, '1960 के दशक में नागरिक अधिकार आंदोलन उन्हें करीब ले आया। इसी दौरान ऑकलैंड की गलियों में न्याय के लिए रैलियां करते हुए स्टूडेंट के तौर पर वे एक-दूसरे से मिले। यह संघर्ष आज भी जारी है।' हैरिस ने कहा, 'मैं भी इन रैलियों का हिस्सा थी। माता-पिता मुझे भी साथ ले जाते थे। मेरी मां ने मुझे कुछ करने के लिए प्रेरित किया, इसलिए मैंने कुछ किया। मैंने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के शब्दों को हकीकत में बदलने और कानून के तहत समान न्याय के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 30 साल पहले जब मैं पहली बार जज के सामने खड़ी थी, मैंने गहरी सांस ली और ऐसी बात कही, जिसने मेरे भावी करियर को दिशा दी। मैंने कहा था कि कमला हैरिस लोगों का प्रतिनिधित्व करती है।'