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भारतवंशी विनय रेड्डी ने लिखा था बाइडन का भाषण, अब हर तरफ हो रही उनकी प्रशंसा

विनय रेड्डी मूल रूप से स्पीच राइटर हैं। बराक ओबामा-बाइडन प्रशासन के दौरान वह सीनियर स्पीच राइटर थे। इस बार के चुनाव अभियान में वह बाइडन-हैरिस के सीनियर एडवाइजर और स्पीच राइटर थे। रेड्डी बचपन में डेटन ओहियो में रहे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 05:28 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 05:41 PM (IST)
भारतवंशी विनय रेड्डी ने लिखा था बाइडन का भाषण, अब हर तरफ हो रही उनकी प्रशंसा
स्पीचराइटर विनय रेड्डी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की फाइल फोटो

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण के बाद दिए गए प्रभावी भाषण को लिखने वाले भारतीय-अमेरिकी विनय रेड्डी हैं। तेलंगाना से संबंध रखने वाले विनय ने बाइडन के भाषण में लोकतंत्र, एकता और चुनौती भरे समय में उम्मीदों को लेकर जो तस्वीर खींची है, उसकी हर तरफ प्रशंसा की जा रही है।

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विनय रेड्डी मूल रूप से स्पीच राइटर हैं। बराक ओबामा-बाइडन प्रशासन के दौरान वह सीनियर स्पीच राइटर थे। इस बार के चुनाव अभियान में वह बाइडन-हैरिस के सीनियर एडवाइजर और स्पीच राइटर थे। रेड्डी बचपन में डेटन, ओहियो में रहे। मियामी यूनीवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने विधि में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में वह न्यूयॉर्क में अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ रहते हैं।

विनय के पिता 1970 में चले गए थे अमेरिका

बता दें कि विनय रेड्डी के पिता नारायण रेड्डी तेलंगाना राज्य के कारीमनगर जिले के हुजुराबाद मंडल के पोथिरेड्डीपेटा गाँव से हैं। उनके पिता पेशे से डॉक्टर हैं, जो कि 1970 में अमेरिका चले गए। विनय रेड्डी नारायण रेड्डी के तीन बच्चों में से एक हैं। उनके दादा तिरुपति रेड्डी ने 30 वर्षों तक गाँव के सरपंच के रूप में कार्य किया।

नारायण रेड्डी अभी भी तेलंगाना के इस गांव में एक घर और चार एकड़ की खेती के मालिक हैं। विनय रेड्डी के परिवार के बारे में अधिक जानकारी देते हुए गाँव के निवासियों ने कहा कि वह अक्सर आते हैं और गाँव में विभिन्न विकासाकार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। इसके साथ ही गांव के लोगों को चिकित्सा सलाह भी देते रहे हैं।

गाँव के युवकों को विनय रेड्डी से मिली प्रेरणा

विनय रेड्डी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइन के भाषण की लिखे जाने पर गाँव के युवाओं को उनसे प्रेरणा मिली है। गाँव के रहने वाले एक युवक ने कहा कि हमने उसे नहीं देखा है। वह हमारे गाँव नहीं आया। फिर भी वह हमारे लिए एक सच्ची प्रेरणा है। मैं उन्हें सलाम करता हूं।


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