US China Trade War: चीन के साथ हुए व्यापार समझौते को तुरंत रद नहीं करेंगे: जो बाइडन
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह ना तो चीन के साथ हुए प्रथम चरण के व्यापार समझौते को रद करेंगे और ना ही चीनी निर्यात पर लगने वाले शुल्क को हटाएंगे। उनकी शीर्ष प्राथमिकता सत्ता संभालने से पहले संसद द्वारा प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दिलाना है।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह ना तो चीन के साथ हुए प्रथम चरण के व्यापार समझौते को तुरंत रद करेंगे और ना ही चीनी निर्यात पर लगने वाले शुल्क को हटाएंगे। बाइडन ने कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता सत्ता संभालने से पहले संसद द्वारा प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दिलाना है। न्यूयॉर्क टाइम्स के स्तंभकार थॉमस एल फ्रीडमैन को दिए साक्षात्कार में बाइडन ने इस बात का संकेत दिया कि अगली सरकार की विदेश नीति कैसी होगी।
साक्षात्कार में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने साफ किया रुख
बता दें कि इसी सप्ताह अमेरिकी मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही थीं कि संसद में चीन विरोधी रुख को देखते हुए बाइडन चीन के खिलाफ कुछ कड़े कदमों का एलान कर सकते हैं। बाइडन ने कहा, 'हम प्रथम चरण के व्यापार समझौते को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने जा रहे हैं। इसी तरह का रुख चीनी निर्यात पर लगने वाले शुल्क को लेकर है। मेरी नीतियों में किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं दिखाई देगा।'
उन्होंने कहा, 'हम चीन की गलत नीतियों जैसे बौद्धिक संपदा की चोरी, उत्पादों की डंपिंग, कंपनियों को गैरकानूनी तरीके से सब्सिडी देने और अमेरिकी कंपनियों से चीनी समकक्षों को तकनीकी हस्तांतरण पर रोक लगाएंगे।' हालांकि उन्होंने इससे पहले देश के अंदर इस मुद्दे पर सहमति विकसित करने और शोध, विकास और बुनियादी ढांचे में निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे कंपनियां चीनी प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला कर सकें। बता दें कि प्रथम चरण के व्यापार समझौते के तहत चीन अगले दो वर्षो में 200 अरब डॉलर से अधिक अमेरिकी सामान का आयात करेगा। इसमें 50 अरब डॉलर का कृषि उत्पाद, 75 अरब डॉलर के मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट और 50 अरब डॉलर के एनर्जी सेक्टर के प्रोडक्ट होंगे।
अटॉर्नी जनरल ने वोटों में धांधली की बात नकारी
अमेरिका के अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने मंगलवार को कहा कि न्याय विभाग द्वारा की गई जांच में बड़े पैमाने पर वोटों की धांधली का पता नहीं चला है। वहीं ट्रंप कैंपेन का कहना है कि न्याय विभाग ने ठीक तरह से जांच नहीं की है। बता दें कि ट्रंप लगातार वोटों में धांधली का आरोप लगाते चले आ रहे हैं।