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जो बाइडन बोले, साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा, ट्रंप पर लगाए आरोप

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि हाल ही में अमेरिकी कंपनियों द्वारा किए गए साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन इन्हें रोकने में विफल रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 06:38 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:38 PM (IST)
जो बाइडन बोले, साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा, ट्रंप पर लगाए आरोप
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्‍ड ट्रंप की फाइल फोटो।

 वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि हाल ही में अमेरिकी कंपनियों द्वारा किए गए साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन इन्हें रोकने में विफल रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि साइबर हमले के दौरान कई संघीय एजेंसियों को निशाना बनाया गया था। इसे अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला बताया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने इन हमलों के लिए रूस को दोषी ठहराया है। 

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राष्ट्रपति ने ट्रंप प्रशासन पर साइबर हमले रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया

मंगलवार को डेलावेयर में एक संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने इसे एक बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा, 'अभी भी बहुत कुछ ऐसा है, जिसे हम नहीं जानते हैं। हम नहीं जानते हैं कि इस हमले में कितना नुकसान हुआ है। हालांकि हम यह जरूर जानते हैं कि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। जिसे योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।'

उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि ट्रंप प्रशासन साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देने में सफल नहीं रहा है। ऐसे समय जब हमारे जीवन का अधिकांश हिस्सा ऑनलाइन है, तब हमारे राजनेताओं द्वारा साइबर हमलों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चिंता का विषय है। इसके लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कदम उठाए जाने चाहिए।' 

साइबर हमलों के लिए रूस जिम्मेदार

उन्होंने कहा कि शुरुआती संकेत और विदेश मंत्री पोंपियो व अटॉर्नी जनरल विलियम बार के मुताबिक, इन हमलों के लिए रूस जिम्मेदार है। साइबर हमले रूस का लंबा इतिहास है, लेकिन यह हमला ट्रंप प्रशासन के समय हुआ है और राष्ट्रपति के तौर पर चार और सप्ताह तक उन्हें अमेरिकी हितों की रक्षा करना होगी। हालांकि हम सभी जानते हैं कि वह इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं।


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