वनाक्राई हमले के पीछे था उत्तर कोरियाई प्रोग्रामर का दिमाग
यह ग्रुप उत्तर कोरियाई सरकार की अग्रणी कंपनी चोसन एक्सपो ज्वाइंट वेंचर के लिए काम करता था।
वाशिंगटन, प्रेट्र/रायटर। दुनियाभर में हड़कंप मचाने वाले वनाक्राई समेत कई बड़े साइबर हमलों में उत्तर कोरिया की सरकार के लिए काम करने वाले एक कंप्यूटर प्रोग्रामर पार्क जिन ह्योक का हाथ था। पार्क पर अमेरिका में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। वनाक्राई रैंसमवेयर वायरस के चलते करीब 150 देशों में कंप्यूटर प्रभावित हुए थे और ब्रिटेन का हेल्थ केयर सिस्टम ठप हो गया था।
पार्क के खिलाफ यह मामला गत आठ जून को दर्ज किया गया था, लेकिन इसे गुरुवार को पहली बार सार्वजनिक किया गया। इसके अनुसार, प्रोग्रामर पार्क उत्तर कोरियाई सरकार के नेतृत्व वाली व्यापक साजिश का हिस्सा था। इस साजिश के तहत कई साइबर हमलों को एक संगठन की आड़ में अंजाम दिया गया। पार्क पर कंप्यूटर धोखाधड़ी की साजिश रचने और अपराध को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है। पार्क सरकार प्रायोजित हैकिंग टीम का सदस्य था। इस टीम को निजी क्षेत्र के लेजारस ग्रुप के तौर पर जाना जाता था। यह ग्रुप उत्तर कोरियाई सरकार की अग्रणी कंपनी चोसन एक्सपो ज्वाइंट वेंचर के लिए काम करता था। अमेरिकी कोषागार विभाग ने इस कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तर कोरिया में है पार्क
माना जा रहा है कि पार्क अभी उत्तर कोरिया में है। अमेरिकी न्याय विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पार्क और उसके साथियों के प्रत्यर्पण को लेकर उत्तर कोरिया के साथ अभी कोई बातचीत नहीं हुई है।
इन बड़े साइबर हमलों में था लिप्त
पार्क साल 2017 में हुए वनाक्राई रैंसमवेयर हमले में इस्तेमाल हुए मैलवेयर को बनाने की साजिश रचने समेत 2016 में बांग्लादेशी बैंक को 8.1 करोड़ डॉलर (करीब 580 करोड़ रुपये) की चपत लगाने में भी शामिल था। उस पर 2014 में सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट समेत कई वित्तीय सेवाओं, रक्षा प्रौद्योगिकी और वर्चुअल करेंसी उद्योगों पर साइबर हमलों में लिप्त रहने का भी आरोप है।