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अमेरिका में नस्‍लवाद का घिनौना इतिहास, अश्‍वेत बनाए जाते थे गुलाम सहने पड़ते थे जुल्‍म

अमेरिका में अश्‍वेतों पर जुल्‍म का इतिहास काफी लंबा है। यूं तो 1808 में यहां पर गुलाम बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया लेकिन अश्‍वेतों का जीवन इस सोच से मुक्‍त नहीं हो सका।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 08:29 AM (IST)
अमेरिका में नस्‍लवाद का घिनौना इतिहास, अश्‍वेत बनाए जाते थे गुलाम सहने पड़ते थे जुल्‍म
अमेरिका में नस्‍लवाद का घिनौना इतिहास, अश्‍वेत बनाए जाते थे गुलाम सहने पड़ते थे जुल्‍म

नई दिल्‍ली। अमेरिका में अश्‍वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद जो कुछ देखने को मिल रहा है वो वहां पर पहली बार नहीं हो रहा है। अपने को साधन संपन्‍न और हाईटेक मानने वाले अमेरिकियों की हकीकत का एक कड़वा सच ये भी है कि वहां पर वर्षों से अश्‍वेतों के साथ ऐसा ही होता रहा है। अश्‍वेतों के खिलाफ होने वाले जुल्‍मों का इतिहास यहां पर काफी पुराना है। माना जा रहा था कि बराक ओबामा के राष्‍ट्रपति चुने जाने के बाद इस तरह की घटनाएं आगे नहीं होंगी, लेकिन ये न पहले रुकीं न अब। आपको बता दें कि ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे। वे पहले अफ्रीकी-अमेरिकन थे जो राष्ट्रपति बने। इसको उस वक्‍त दुनिया के सबसे बड़ी ताकत में खुलेपन की बहुत बड़ी मिसाल कहा गया था।

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एक दौर था जब अमेरिका में श्वेत स्टेलर सोसायटी का दबदबा हुआ करता था। उपनिवेशवाद के दौर में नस्लवाद अमेरिका में एक बड़ा मुद्दा हुआ करता था। इसका सबसे अधिक असर मूल अमेरिकियों, एशियाई अमेरिकियों, अफ्रीकी अमेरिकियों के अलावा लेटिन अमेरिकियों पर भी पड़ा। उनके लिए अमेरिका में एक अलग समाज था। उनके लिए अपने ही देश में हर चीज अलग थी। इस समाज में अश्वेत गुलाम होते थे। ये भेदभाव रोजगार पाने से लेकर शिक्षा हासिल करने और घर बनाने तक में दिखाई देता था। इसको लेकर अमेरिका में समय-समय पर आंदोलन भी हुए।

आपको बता दें कि 1619-1800 के बीच अमेरिका में काफी संख्‍या में बंदी थे। इनमें कई गुलाम भी शामिल थे जिन्‍हें वहां पर विभिन्‍न कामों में लगाया जाता था। वर्तमान में मौजूद अश्‍वेतों में ज्‍यादातर लोग अब अफ्रीकी-अमेरिकी के रूप में पहचाने जाते हैं। इन गुलामों को पूर्व में बेचा और खरीदा भी जाता था। दरअसल अमेरिका में इन गुलामों की आबादी कई जातीय समूहों से मिलकर बनी है। इन अफ्रीकी गुलामों की खरीदी-फरोख्‍त सात क्षेत्रों में की जाती थी। अमेरिकी इतिहास में ब्‍लैक हिस्‍ट्री मंथ इसकी उसी कड़ी का एक हिस्‍सा है। इसका आयोजन हर साल फरवरी में किया जाता है।

इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि 1619 में अमेरिका में पहला अफ्रीकी गुलाम वर्जीनिया लाया गया था। इसके बाद ये सिलसिला लगातार बढ़ता चला गया। इन गुलामों को कुछ साल काम करवा कर इन्‍हें बेच दिया जाता था। कुछ ऐसे भी खुशकिस्‍मत होते थे जिन्‍हें आजाद कर दिया जाता था। मैसाच्युसेट्स ऐसा पहला उपनिवेश बना था, जहां पर 1641 में गुलामी प्रथा को कानूनी जामा पहनाया गया। अमेरिका में 1787 में एक बड़ा संवैधानिक परिवर्तन किया गया। के जरिए यह संभव हुआ। इसमें निज स्वतंत्रता पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया गया। बावजूद इसके इन अश्‍वेतों को वहां पर वोट देने का अधिकार नहीं मिल पाया। इनके बच्‍चे अच्‍छे स्‍कूलों में नहीं पढ़ सकते थे। 1790 में लगातार अश्‍वेतों ने अपनी आजादी के लिए संघर्ष किया। इसका नतीजा था कि आने वाले 25 वर्षों में काफी संख्‍या में इन अश्‍वेत गुलामों को मुक्‍त किया गया। 1808 में अमेरिका की संसद ने भी अंतरराष्ट्रीय गुलाम व्यापार को प्रतिबंधित कर दिया।

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