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Israel UAE Peace Deal: डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से इजरायल और यूएई के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया। अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मुहम्मद बिन जाएद ने भी ट्विटर पर समझौते की जानकारी दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 01:51 AM (IST)
Israel UAE Peace Deal: डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से इजरायल और यूएई के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता
Israel UAE Peace Deal: डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से इजरायल और यूएई के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से गुरुवार को इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने की राह निकलेगी। इस समझौते के तहत इजरायल वेस्ट बैंक के इलाकों में फिलहाल अपनी गतिविधियां रोकने पर सहमत हुआ है। वेस्ट बैंक फलस्तीन का पूर्वी भाग है, जिस पर इजरायल ने 1967 में कब्जा कर लिया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया। अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मुहम्मद बिन जाएद ने भी ट्विटर पर समझौते की जानकारी दी।

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ट्रंप ने समझौते में निभाई अहम भूमिका 

बताया गया कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अबुधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद के बीच गुरुवार को फोन पर हुई चर्चा के बाद इस समझौते की मंजूरी दी गई है। 

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बताया कि यह समझौता इजरायल, यूएई और अमेरिका के बीच लंबी चर्चा का नतीजा है। इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, 'आज बहुत बड़ी उपलब्धि मिली। दो अच्छे दोस्तों इजरायल और यूएई के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ है।' ट्रंप ने बताया कि दोनों देशों के बीच पिछले कुछ समय से तनाव था। अगले कुछ दिनों में व्हाइट हाउस में ही इजरायल और यूएई के अधिकारियों के बीच इस संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। 

कई अन्य अरब व मुस्लिम देशों से इजराइल के संबंध सामान्‍य होंगे  

ट्रंप ने कहा, 'सब इसे असंभव कहते थे। 49 साल बाद इजरायल और यूएई के संबंध पूरी तरह सामान्य होंगे। दोनों एक दूसरे के यहां दूतावास स्थापित करेंगे, राजदूत भेजेंगे और सीमापार साझेदारी बढ़ाएंगे।' ट्रंप ने आने वाले दिनों में क्षेत्र के कुछ और देशों के बीच भी ऐसे समझौते होने की उम्मीद जताई।

उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि कई अन्य अरब व मुस्लिम देश यूएई का अनुसरण करेंगे और इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करेंगे। अभी मैं बता नहीं सकता हूं, लेकिन चर्चाएं सकारात्मक दिशा में बढ़ रही हैं।' इस संबंध में तीनों देशों का संयुक्त बयान भी जारी किया गया। इसमें कहा गया कि इससे पश्चिम एशिया में शांति बहाली संभव होगी। यह तीनों नेताओं के मजबूत दृष्टिकोण एवं यूएई व इजरायल के साहस का प्रतीक है, जो नया रास्ता बनाएगा।

अब्राहम अकॉर्ड के नाम से समझौता

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इस समझौते को अब्राहम अकॉर्ड के नाम से जाना जाएगा। 1994 में इजरायल और जॉर्डन के बाद हुए शांति समझौते के बाद से यह इस तरह का पहला मामला है। नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव का सामना करने जा रहे ट्रंप के लिए भी यह विदेश नीति के मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि है।

इन क्षेत्रों में साथ काम करेंगे इजरायल और यूएई

दोनों देशों के द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दों पर द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। दोनों देशों से जल्द राजदूतों और दूतावासों के आदान-प्रदान करेंगे। इसके अलावा दोनों देश अबूधाबी से तेल अवीव तक फ्लाइट की शुरुआत भी करेंगे, जिससे यूएई के मुसलमान यरुशलम के ओल्ड सिटी में अल-अक्सा मस्जिद जा सकेंगे।

हमास को नहीं रास आया समझौता

आतंकी संगठन हमास को इजरायल और यूएई का समझौता रास नहीं आया। हमास के प्रवक्ता फावजी बरहोम ने कहा, 'यह एलान क्षेत्र पर कब्जा करने के इजरायल के अपराधों पर मिला इनाम है। यह हमारे लोगों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है।' फलस्तीन ने भी समझौते की आलोचना की है। फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता ने इस समझौते को राजद्रोह कहा है।


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