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फारस की खाड़ी में अमेरिकी युद्धपोत को घेरने की ईरानी कोशिश, बढ़ सकता है अमेरिका और ईरान के बीच तनाव

फारस की खाड़ी में बुधवार को ईरान के 11 लड़ाकू जहाजों के अमेरिकी युद्धपोत को घेरने के लिए खतरनाक ढंग से नजदीक आने का मामला सामने आया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 11:58 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 11:58 PM (IST)
फारस की खाड़ी में अमेरिकी युद्धपोत को घेरने की ईरानी कोशिश, बढ़ सकता है अमेरिका और ईरान के बीच तनाव
फारस की खाड़ी में अमेरिकी युद्धपोत को घेरने की ईरानी कोशिश, बढ़ सकता है अमेरिका और ईरान के बीच तनाव

वाशिंगटन, रायटर। फारस की खाड़ी में बुधवार को ईरान के 11 लड़ाकू जहाजों के अमेरिकी युद्धपोत को घेरने के लिए खतरनाक ढंग से नजदीक आने का मामला सामने आया है। अमेरिकी नौसेना ने इसे खतरनाक और भड़कावे वाली गतिविधि करार दिया है। बताया गया है कि ईरानी जहाज वहां की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प के थे। अमेरिका ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।

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अमेरिका ने खतरनाक और भड़कावे वाली हरकत बताते हुए चेताया

कुछ साल पहले भी फारस की खाड़ी में ईरानी जहाज इसी तरह से अमेरिकी युद्धपोत के करीब आए थे। लेकिन अमेरिका के कड़ी चेतावनी देने के बाद कई वर्ष तक कोई ईरानी जहाज अमेरिकी युद्धपोतों के करीब नहीं फटका। ताजा घटना से दोनों देशों के बीच फिर से तनाव बढ़ने की आशंका है।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अनुसार ईरानी जहाजों ने यह हरकत तब की जब अमेरिकी पोत अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में थे। ये अमेरिकी पोत सैन्य हेलीकॉप्टरों के साथ मिलकर अभ्यास कर रहे थे। एक स्थान पर तो ईरानी जहाज अमेरिकी तटरक्षक बल के जहाज मौई के महज दस गज करीब तक पहुंच गया। यह अंतरराष्ट्रीय जल सीमा के भीतर किसी भी तरह के जहाज के करीब जाने की प्रतिबंधित दूरी है। 

दोनों पक्षों ने खाड़ी में किसी तरह के टकराव नहीं होने की बात कही 

ऐसा तब हुआ जब अमेरिकी युद्धपोत ने रेडियो के जरिये कई बार चेतावनी दी, हॉर्न बजाए और खतरे के संकेत वाली तेज आवाज की। करीब एक घंटे तक आसपास रहने के बाद ये ईरानी जहाज स्वत: चले गए। दोनों पक्षों ने खाड़ी में किसी तरह का टकराव न होने की बात कही है।

चीन ने गुपचुप तरीके से किया परमाणु परीक्षण 

उधर, अमेरिका ने चीन पर गुपचुप तरीके से कम शक्ति वाले परमाणु परीक्षण का आरोप लगाया है। अमेरिका का कहना है कि इस तरह के विस्फोट पर प्रतिबंध के अंतरराष्ट्रीय करार के बावजूद चीन ने ऐसा कदम उठाया है। हालांकि चीन ने किसी भी परीक्षण से इन्कार किया है। चीन द्वारा परमाणु परीक्षण करने की खबर सबसे पहले वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित हुई।


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